रुपया चार पैसे की गिरावट के साथ 83.96 प्रति डॉलर पर बंद

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रुपया बुधवार को सीमित दायरे में मजबूत होने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चार पैसे की गिरावट के साथ 83.96 (अस्थायी) पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर में सुधार और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव का दबाव भारतीय मुद्रा पर पड़ा। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि मजबूत डॉलर और कच्चे तेल की उच्ची कीमतों के कारण बुधवार को रुपये में गिरावट आई। हालांकि, घरेलू बाजारों में मजबूती ने गिरावट को सीमित रखा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.86 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 83.97 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक पहुंचा। अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले चार पैसे की गिरावट के साथ 83.96 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

रुपया अपने मंगलवार को सर्वकालिक निचले स्तर से उबरकर डॉलर के मुकाबले 17 पैसों की मजबूती के साथ 83.92 पर बंद हुआ था। रुपया सोमवार को 37 पैसों की भारी गिरावट के साथ 84.09 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘आशंका है कि अमेरिकी डॉलर में सुधार और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। हालांकि, सकारात्मक वैश्विक बाजार रुपये को समर्थन दे सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का दखल भी रुपये को सहारा दे सकता है। निवेशक आरबीआई की मौद्रिक नीति के फैसले पर नजर बनाए हैं। डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 83.75 रुपये से 84.20 रुपये के बीच रहने का अनुमान है। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत बढ़कर 103.28 हो गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.22 प्रतिशत चढ़कर 77.41 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। घरेलू शेयर बाजारों में 30 शेयर वाला बीएसई सेंसेक्स 874.94 अंक की मजबूती के साथ 79,468.01 अंक पर और निफ्टी 304.95 अंक बढ़कर 24,297.5 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध रूप से 3,531.24 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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