शरद पवार ने महाराष्ट्र के बजट वादों पर संदेह जताया

img

कोल्हापुर, शनिवार, 29 जून 2024। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-शप) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार की बजट घोषणाओं पर संदेह जताते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश के वित्त मंत्री ने इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए केवल बड़ी-बड़ी बातें की हैं। पवार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद महायुति सरकार के आर्थिक फैसले विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के उद्देश्य से लिये गये हैं। उन्होंने वित्त विभाग संभाल रहे उपमुख्यमंत्री अजित पवार की शुक्रवार को महिलाओं और किसानों के लिए कई योजनाओं की घोषणा पर कहा कि राज्य पर भारी कर्ज होने के कारण वास्तव में ये योजनाएं नहीं थीं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा-शप वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेगी और लोगों के सामने एक सामूहिक चेहरा पेश करेगी। इस सवाल पर कि क्या एमवीए उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर चुनाव लड़ेगी, उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की। एमवीए घटकों के बीच सीटों के बंटवारे पर बोलते हुए उन्होंने कहा , ''अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है , लेकिन हम 2024 के लोकसभा चुनावों में एमवीए के साथ उनके सहयोग को देखते हुए वामपंथी दलों को अपने साथ लेंगे।

पवार ने कहा कि अप्रैल से जून तक आम चुनावों ने स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के खिलाफ लोगों का जनादेश सामने आया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही होगा और एमवीए को बहुमत मिलेगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुने जाने का स्वागत करते हुए श्री पवार ने कहा कि उनका चयन नयी पीढ़ी का स्वागत करता है और उन्होंने हाल ही में संपन्न आम चुनावों में अपनी योग्यता साबित की है। संसद में शुक्रवार को नीट पर हुए हंगामे पर उन्होंने कहा , ''पेपर लीक एक गंभीर मुद्दा है, जिसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं, क्योंकि इससे लाखों छात्र और उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। संबंधित केंद्रीय मंत्री को नीट-यूजी 2024 परीक्षा के पेपर लीक होने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इंडिया समूह संसद में विपक्षी नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग के मुद्दे को उठाता रहेगा। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा 50 साल बाद भी संसद में 1975 के आपातकाल का बार-बार जिक्र किए जाने पर उन्होंने कहा , ''यह अनुचित है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खुद 19 महीने का आपातकाल लगाने के लिए माफी मांगी थी।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement