मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना : 69 लाख से अधिक बच्चों को मिल रहा पौष्टिक दूध

img

जयपुर, बुधवार, 22 फ़रवरी 2023। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और समुचित विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना शुरू की गई है। योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 के बच्चों को सप्ताह में 2 दिन पोष्टिक दूध दिया जा रहा है। राज्य सरकार की इस पहल से बच्चों में कुपोषण की समस्या का समाधान होगा तथा उनका समुचित शारीरिक एवं मानसिक विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।  मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा मिड डे मील योजना में पौष्टिकता सुधार की दृष्टि से नवम्बर -2022 में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का शुभारंभ किया गया। योजना के माध्यम से राजकीय विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों एवं मदरसों में विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है। इससे प्रदेश के नौनिहालों हष्ट-पुष्ट होंगे एवं भावी कर्णधारों का मानसिक विकास भी हो सकेगा। 

69 लाख 22 हजार विद्यार्थियों को मिल रहा नि:शुल्क दूध-

योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा एक से आठवीं तक के करीब 69 लाख 22 हजार बच्चों को मिल्क पाउडर से तैयार दूध सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिसमें कक्षा एक से 5 तक के विद्यार्थियों को 15 ग्राम पाउडर मिल्क से 150 मि.ली. तैयार दूध एवं कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 20 ग्राम पाउडर मिल्क से 200 मि.ली. तैयार दूध चीनी मिला कर पीने के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। स्कूलों में बुधवार और शुक्रवार को किसी कारणवश अवकाश होने पर अगले शैक्षणिक दिवस को दूध उपलब्ध करवाया जाता है। 

योजना के माध्यम से राजकीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी हुई है। योजना का एक लाभ यह भी होगा कि बच्चों के परिवारजन बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा तथा ड्राप आउट रोकने में भी मदद मिलगी। 

गुणवत्ता का रखा जाता है विशेष ध्यान-

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को विद्यालय प्रबंधन समिति (एस.एम.सी.) की देखरेख में प्रार्थना सभा के तुरंत पश्चात पाउडर मिल्क से तैयार दूध उपलब्ध करवाया जाता है। दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए विद्यार्थियों को दूध पिलाया जाने से पूर्व एक अध्यापक, एक विद्यार्थी के अभिभावक और एस.एम.सी के सदस्य द्वारा पोषाहार की भांति दूध को चखा जाता है। दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित होने के बाद ही विद्यार्थियों को दूध का वितरण किया जाता है। योजना के क्रियान्वयन एवं बेहतर संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा 476 करोड़ 44 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा अब बजट घोषणा वर्ष 2023-24 में मिड डे मील के अंतर्गत एक हजार करोड़ रुपये की लागत से बच्चों को प्रतिदिन दूध उपलब्ध करवाए जाने की घोषणा की गयी है।

योजना अंतर्गत पाउडर मिल्क का क्रय राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड (आरसीडीएफ) द्वारा किया जा रहा है। 

सेजल, दीपिका और हिमांशी को मिल रहा पौष्टिक दूध-

दौसा के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल छतरी वाली ढाणी की कक्षा पांचवीं की छात्रा सेजल के माता-पिता मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का बहुत-बहुत आभार जताते हुए कहते हैं कि उनकी पहल के कारण हम जैसे अनेकों परिवारों के गरीब बच्चों को विद्यालय में पौष्टिक आहार के साथ दूध भी मिल रहा है। हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण हम बच्चों को दूध उपलब्ध नहीं करवा पाते हैं। अब बच्चों को विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ जरूरी पोषण तत्व भी मिल रहे हैं।

इसी विद्यालय की कक्षा चौथी की छात्रा दीपिका ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत सप्ताह में 2 दिन दूध मिल रहा है और यह दूध पीने में बहुत ही स्वादिष्ट है। 

उदयपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, डबोक की कक्षा आठवीं की छात्रा हिमांशी गौड़ भी इस योजना से काफी खुश नजर आती हैं। वे कहती हैं कि घर में उन्हें रोज दूध नहीं मिलता था, लेकिन सरकार की योजना से अब स्कूल में दूध मिल रहा है, जिसे सब बच्चे खुशी से पीते हैं।  

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement