अल्मोड़ा में स्कूल के पास से जिलेटिन की 161 छड़ें बरामद, जांच जारी

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चंपावत, शनिवार, 22 नवंबर 2025। उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र में एक स्कूल के पास की झाड़ियों से विस्फोटक सामग्री जिलेटिन की 161 छड़ें मिलने से हड़कंप मच गया। हालांकि, अल्मोड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने रविवार को कहा कि प्रारंभिक जांच में इसके किसी आतंकी घटना से तार जुड़े होने की संभावना सामने नहीं आयी है और यह मामला किसी ठेकेदार की लापरवाही का लग रहा है। मामला 21 नवंबर को तब सामने आया जब सल्ट क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, डभरा के प्रभारी प्रधानाचार्य सुभाष सिंह को परिसर के पास स्थित झाड़ियों में कुछ संदिग्ध पैकेट दिखाई दिए और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी ।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सुरक्षा की दृष्टि से पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गयी। इसके बाद ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों से बम निरोधक दस्ते और श्वान दस्ते मौके पर बुलाए गए जिनकी मदद से क्षेत्र में विस्तृत तलाशी अभियान चलाया गया । पुलिस ने बताया कि पहले स्कूल के पास वाले स्थान से जिलेटिन की छड़ों के कुछ पैकेट बरामद हुए और फिर उससे करीब 15–20 फुट की दूरी पर कुछ और पैकेट मिले। दोनों स्थानों से कई पैकेट में रखी गईं जिलेटिन की कुल 161 बेलनाकार छड़ें बरामद की गईं ।

बम निरोधक दस्ते ने सभी पैकेट को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर सील कर दिया। पुलिस ने बताया कि पूरे अभियान की वीडियोग्राफी की गई और साक्ष्य एकत्र किए गए। मामले में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की धारा चार (क) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 288 के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पिंचा ने कहा कि मामले की जांच के लिए चार टीम गठित की गयी हैं और प्रारंभिक जांच में अब तक जिलेटिन की छड़ों का किसी आतंकी घटना से कोई संबंध जुड़ता नजर नहीं आया है ।

उन्होंने बताया कि जिलेटिन की छड़ों का इस्तेमाल सड़क निर्माण के दौरान पत्थरों और पथरीली चट्टानों को तोड़ने में ठेकदारों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के ठेकेदारों और मजदूरों से इस संबंध में व्यापक पूछताछ की जा रही है ताकि जल्द ही पूरी सच्चाई सामने आ सके । पिंचा ने कहा, ‘‘इस स्थान पर कुछ साल पहले सड़क का निर्माण हुआ था और हो सकता है कि ठेकेदार जिलेटिन की छड़ों को झाड़ियों में छोड़ गया हो।’’ हालांकि, उन्होंने साफ किया कि इस बारे में पूरी जांच के बाद ही किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा।

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