दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ी है: देवनानी

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जयपुर, शनिवार, 02 अगस्त 2025। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शनिवार को कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ती जा रही है और भारत का लोकतंत्र और संविधान सुदृढ है। वे राजस्थान विधानसभा में आयोजित चौथी युवा संसद को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में आयोजित इस युवा संसद में तेरह राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 168 युवाओं ने देश की सुरक्षा से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर संवाद किया।

देवनानी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘ दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा निरंतर बढ़ती जा रही है और गौरवशाली भारत का लोकतंत्र और संविधान सुदृढ है। हम सभी को एकजुट होकर राष्ट्र की संस्कृति के प्रति गर्व की अनुभूति करनी चाहिए। भारत प्राचीन काल से ही शिक्षा और विज्ञान की दृष्टि से समृद्ध रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्र हित में पक्ष और प्रतिपक्ष का एकजुट होना आवश्यक है। देश है तो हम है और यदि देश नहीं रहेगा, तो हमारा भी अस्तित्व नहीं रहेगा।’’ देवनानी ने युवाओं को लोकतंत्र की संस्कृति समझाते हुए कहा कि यह वह सदन है जहां लोकतंत्र के मूल्यों की अभिव्यक्ति होती है, जन भावनाएं नीतियों में रूपांतरित होती हैं और यहीं से जनप्रतिनिधि अपने कर्तव्यों के प्रति उत्तरदायी होते है।

देवनानी ने सदन में आते ही पहले प्रतिपक्ष की ओर मुखातिब होकर नमस्कार किया और फिर पक्ष के सदस्यों को नमस्कार किया। देवनानी ने कहा कि इस सदन में जनप्रतिनिधि की लोकतांत्रिक चेतना, विचारशीलता और नेतृत्व क्षमता की परीक्षा होती है। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया के जमाने में युवा बिना पड़ताल किये सुनी सुनाई बातें पोस्ट कर देते हैं, यह ठीक नहीं है। युवाओं को गहराई में जाने का स्वभाव बनाना होगा। राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के सचिव संदीप शर्मा ने कहा कि युवा संसद बोलने, विरोध या समर्थन का ही अभ्यास नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र के जीवन्त संस्कारों की शिक्षा है।

उन्होंने कहा कि युवा संसदीय मर्यादाओं को समझें…जागरूक, विचारशील और उत्तरदायी बने। लोकतंत्र में केवल मत डालने तक भागीदारी सीमित ना रखें, बल्कि राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को सक्रियता से निभाएं। युवा संसद में दस राज्यों राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, गुजरात और तीन केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ व नयी दिल्ली के 55 विद्यालयों के कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के चयनित 168 युवा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इन्होंने आतंकवाद और पाक के कब्जे वाली कश्मीर को खाली करवाने के प्रयास पर भी संवाद किया।

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