राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में असम में श्रमिकों ने किया प्रदर्शन

गुवाहाटी, बुधवार, 09 जुलाई 2025। केंद्र सरकार की कथित “मजदूर विरोधी” नीतियों के खिलाफ विभिन्न श्रमिक संगठनों द्वारा बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में बुधवार को असम में कई संगठनों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्य भर में वाणिज्यिक वाहन सड़कों से दूर रहे। राज्य में लगभग सभी परिवहन मजदूर संगठनों ने हड़ताल को समर्थन दिया जिसके चलते बसों और ट्रकों की वाणिज्यिक सेवाएं ठप रहीं। हालांकि, स्कूल बसों और आपात सेवाओं में लगे वाहनों की आवाजाही प्रभावित नहीं हुई।
हड़ताल का समर्थन करने वाले संगठनों में ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट फेडरेशन, नॉर्थ ईस्ट पेट्रोलियम मजदूर यूनियन, ऑल असम मोटर वर्कर्स यूनाइटेड फोरम, ऑल असम डे-नाइट बस ड्राइवर्स एसोसिएशन, ऑल असम कैब ऑपरेटर्स यूनियन और नॉर्थ ईस्ट हेवी गुड्स कैरियर ट्रक ओनर्स एंड ड्राइवर्स वेलफेयर एसोसिएशन शामिल हैं। गुवाहाटी में स्थानीय बसें और ऐप-आधारित टैक्सियां भी बंद रहीं जिससे आम यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बिजली भवन के सामने राज्य की बिजली कंपनियों के कर्मचारियों ने “मजदूर विरोधी कानूनों” को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “वर्तमान सरकार कई राज्यों में बिजली कंपनियों का निजीकरण कर रही है। यह क्षेत्र आम जनता के कल्याण के लिए है, इसे केवल राजस्व संग्रह का माध्यम नहीं बनाया जा सकता।” डिब्रूगढ़ समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने भी प्रदर्शन किए। चाय बागानों के श्रमिकों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया और दैनिक मजदूरी 351 रुपये करने तथा कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की मांग की। यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच द्वारा बुलाई गई है जिसमें 10 केंद्रीय संगठन शामिल हैं। राज्य में वामपंथी दलों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है।


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