जम्मू में अमरनाथ यात्रा के लिए अर्धसैनिक बलों की 180 से अधिक कंपनियां तैनात: आईजीपी

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जम्मू, शुक्रवार, 27 जून 2025। वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है और जम्मू क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों की 180 से अधिक कंपनियां तैनात की गई हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वार्षिक अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई को दो मार्गों अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाले बालटाल मार्ग से शुरू होगी। जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) भीम सेन टूटी ने संवाददाताओं से कहा, "प्रशासन इस वर्ष सफल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए तैयार और प्रतिबद्ध है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने यात्रा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है।"

जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार के साथ यात्रा के लिए सुरक्षा समेत अन्य व्यवस्था की समीक्षा के लिए आयोजित उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने वाले टूटी ने कहा, "जिस तरह हम पिछले वर्षों में सुरक्षा प्रदान करते रहे हैं, इस वर्ष और भी बेहतर व्यवस्था की जा रही है, चाहे वह अर्धसैनिक बलों की संख्या हो, संवेदनशील क्षेत्रों में तैनाती हो या सीसीटीवी निगरानी हो। पहले की तुलना में अधिक सतर्क और बहुस्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।"

क्षेत्र में यात्रा के लिए बलों की तैनाती के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, "जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा, यात्रा के लिए अर्धसैनिक बलों की 180 से अधिक कंपनियां तैनात की गई हैं।" उन्होंने कहा कि लखनपुर से बनिहाल तक जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। आईजीपी ने कहा, " हर जगह सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। रास्ते की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और जहां-जहां श्रद्धालु ठहरते हैं या लंगर होते हैं, वहां भी सुरक्षा दी गई है।" उन्होंने कहा कि इस बार लखनपुर से जम्मू के बीच भी पूरे रास्ते की पहले से जांच और निगरानी करने वाली टीमें तैनात रहेंगी, जो पिछले साल नहीं थीं।

आईजीपी ने कहा कि दो जुलाई से यातायात पुलिस रोजाना परामर्श जारी करेगी। उन्होंने कहा, "यात्रा मार्ग से जुड़े हर महत्वपूर्ण स्थान पर समय सीमा तय की जाएगी। सभी श्रद्धालुओं को इस यातायात परामर्श का पालन करना जरूरी होगा, ताकि यात्रा के दौरान किसी को कोई परेशानी या दिक्कत न हो।" आईजीपी ने कहा कि सभी तीर्थयात्रियों को मुख्य काफिले में शामिल होने की सलाह दी जाती है जो तड़के चार से साढ़े चार बजे के बीच रवाना होता है। उन्होंने कहा, "अलग-अलग या अकेले यात्रा करना सुरक्षित नहीं है। जो श्रद्धालु सरकारी काफिले के साथ यात्रा करते हैं, उन्हें सुरक्षा दी जाती है और इस तरह संगठित तरीके से यात्रा करना ज्यादा सुरक्षित होता है।"

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