राजस्थान में निवेश के लिए पुख्ता कानून व्यवस्था व भयमुक्त माहौल सुनिश्चित हो: डोटासरा

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जयपुर, सोमवार, 09 दिसम्बर 2024। कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए पुख्ता कानून व्यवस्था और भयमुक्त माहौल सुनिश्चित किया जाना बेहद जरूरी है। डोटासरा ने जयपुर में सोमवार से शुरू हुए ‘राजस्थान राइजिंग’ निवेश सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा, “राजस्थान पधारे समस्त निवेशकों का अभिनंदन एवं सरकार को ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ के लिए शुभकामनाएं। उम्मीद है सरकार सिर्फ करार एमओयू नहीं, निवेश लाएगी और जनता को निवेश की सच्चाई भी बताएगी।” उन्होंने कहा, “सरकार से ये भी अपेक्षा है कि निवेश के लिए प्रदेश में पुख्ता कानून व्यवस्था, भयमुक्त माहौल एवं निवेशकों को अपराधियों से सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।”

डोटासरा ने कहा, ‘‘आज (सोमवार) से राजस्थान सरकार ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इसवेस्टमेंट समिट’ 2024 आयोजित कर रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्धघाटन करने के लिये राजस्थान पधारे है। हम देश के प्रधानमंत्री और सम्मेलन में भाग ले रहे तमाम उद्योगपतियों का बहुत बहुत हार्दिक स्वागत करते है।”

उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहेंगे की राजस्थान में उद्योगपतियों को उद्योग लगाने के लिये राज्य सरकार सुविधाएं दे और पिछले 12 महीने से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी हुई है उसको जरूर नियंत्रित करने की आवश्यकता है ताकि उद्योगपति निर्भीक और निडरता के साथ अपना व्यापार कर सके और हमारे नौजवानों को रोजगार मिले, जिससे प्रदेश की प्रगति होगी।’’ डोटासरा ने कहा कि जनता जानना चाहती है कि वास्तव में कितना निवेश हुआ, कितने उद्योग स्थापित हुए, कितने रोजगार सृजित हुए और इस शिखर सम्मेलन पर कितना खर्च हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सम्मेलन के दौरान जो साफ सफाई हुई, वह जारी रहे। कांग्रेस नेता ने कहा, “हमने इस सम्मेलन के लिए सफाई में सुधार देखा है और हमें उम्मीद है कि इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे।” उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन को केवल सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर तक सीमित नहीं रखना चाहिएॉ बल्कि सरकार को लोगों को यह बताना चाहिए कि इसमें से कितना वास्तविक निवेश जमीनी स्तर पर हुआ।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को लोगों को यह बताना चाहिए कि शिखर सम्मेलन के दौरान कितना वास्तविक निवेश हुआ, कितने उद्योग स्थापित हुए, कितने रोजगार सृजित हुए और कितना व्यय हुआ। उन्होंने कहा, “राजस्थान की प्रगति में हम सब साथ हैं लेकिन जिस प्रकार का हम वातावरण देख रहे हैं, जो चर्चाएं काफी दिनों से सुन रहे हैं कि राजस्थान सरकार केवल कागजी खानापूर्ति कर एमओयू की बडी श्रृंखला दिखाना चाहती है उससे ‘राजस्थान राइजिंग’ भी नहीं होगा और प्रदेश के युवाओं को नौकरी भी नहीं मिलेगी।” उन्होंने कहा कि करार (एमओयू) को धरातल पर उतारने के लिए सरकार को गंभीरता से प्रयास करने होंगे।

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