सेबी 10 से 50 लाख रुपये का निवेश करने वाले निवेशकों के लिए नया उत्पाद लाएगा

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश योग्य कोष वाले निवेशकों के लिए निवेश के नये विकल्प तैयार करने पर विचार कर रहा है। इसका मकसद म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के बीच अंतर को पाटना है। सेबी ने मंगलवार को कहा कि निवेश का नया उत्पाद निवेशकों की उभरती श्रेणी की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक विनियमित जरिया उपलब्ध कराएगा। यह उत्पाद अधिक लचीला और उच्च जोखिम लेने की क्षमता वाली विशेषता से युक्त होगा।

सेबी के अनुसार, परिसंपत्ति की नई श्रेणी के तहत निवेश के लिए न्यूनतम राशि 10 लाख रुपये प्रति निवेशक हो सकती है। सेबी ने अपने परामर्श पत्र में कहा, ‘‘यह सीमा खुदरा निवेशकों को इस श्रेणी में निवेश से हतोत्साहित करेगी और 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश योग्य कोष वाले निवेशकों को आकर्षित करेगी। साथ ही वैसे उत्पाद में निवेश करने से रोकेगी, जो अनधिकृत और गैर-पंजीकृत पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा प्रदाताओं की ओर जारी किये जा रहे हैं।’’ प्रस्तावित नये परिसंपत्ति वर्ग का उद्देश्य गैर-पंजीकृत और अनधिकृत निवेश उत्पादों के प्रसार पर लगाम लगाना है।

इसमें कहा गया है, ‘‘नये परिसंपत्ति वर्ग को म्यूचुअल फंड (एमएफ) संरचना के तहत पेश करने का प्रस्ताव है। परिसंपत्ति की ऐसी नई श्रेणी को पर्याप्त रूप से प्रभावी बनाने के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों में छूट दी जाएगी।’’ परामर्श पत्र में कहा गया है, ‘‘हालांकि इस तरह की छूट से उत्पाद से जुड़े जोखिम बढ़ सकते हैं, लेकिन न्यूनतम निवेश आकार पर उच्च सीमा लगाकर इसे कम किया जा सकता है।’’ निवेशकों के पास नए परिसंपत्ति वर्ग के तहत निवेश रणनीतियों के लिए व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) जैसी योजनाओं का विकल्प हो सकता है।

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