कंपनियों ने 2023-24 में पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये 78,000 करोड़ रुपये जुटाये

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बाजार धारणा में सुधार तथा मांग मजबूत होने से संस्थागत निवेशकों को शेयर/प्रतिभूति जारी कर जुटायी जाने वाली राशि 2023-24 में बढ़कर 78,000 करोड़ रुपये पहुंच गयी। यह सालाना आधार पर सात गुना से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2024-25 में भी स्थति मजबूत रहने की उम्मीद है क्योंकि कंपनियां चुनाव परिणामों के बाद पूंजीगत व्यय के लिए पूंजी जुटाना जारी रखेंगी। जेएम फाइनेंशियल लि. में इक्विटी कैपिटल मार्केट्स की प्रबंध निदेशक और प्रमुख नेहा अग्रवाल ने कहा, ‘‘कारोबार को बढ़ावा देने वाले सुधारों और वृहत आर्थिक मोर्चे पर स्थिरता के बीच आर्थिक विकास के एक अभूतपूर्व युग में, भारत 2027 तक वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। इसके साथ मजबूत पूंजी प्रवाह जारी रहेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस पृष्ठभूमि में, हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2024-25 प्राथमिक पूंजी के नजरिए से भी बहुत मजबूत वर्ष होगा क्योंकि कंपनियां चुनाव परिणामों के बाद पूंजीगत व्यय के लिए पूंजी जुटाना जारी रखेंगी।’’ वित्तीय कंपनियां अपनी विकास योजनाओं और अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पूंजी आवश्यकता को पूरा करने को लेकर पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के माध्यम से पूंजी जुटाती हैं। क्यूआईपी संस्थागत निवेशकों से धन जुटाने के सबसे तेज उत्पादों में से एक है। इसे सूचीबद्ध कंपनियां और निवेश ट्रस्टों के लिए डिजाइन किया गया है। यह उन्हें बाजार संस्थागत निवेशकों से तेजी से धन जुटाने की अनुमति देता है।

प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार पात्र संस्थागत नियोजन के माध्यम से 2023-24 में 78,089 करोड़ रुपये की पूंजी जुटायी गयी। यह पिछले वित्त वर्ष में जुटाए गए 10,235 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है। इसमें क्यूआईपी माध्यम से रीट (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) का कोष जुटाना शामिल है। इससे पहले, 2021-22 में क्यूआईपी माध्यम से 28,532 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। वहीं 2020-21 में सबसे ज्यादा 81,731 करोड़ रुपये जुटाये गये थे। वित्त वर्ष 2023-24 में जुटाये गये 78,089 करोड़ रुपये में से, कुल 68,933 करोड़ रुपये 55 कंपनियों ने जुटाये। शेष 9,156 करोड़ रुपये एक रीट और दो इनविट ने जुटाये।

बाजार विशेषज्ञों ने क्यूआईपी के जरिये पूंजी जुटाने में वृद्धि का प्राथमिक कारण बाजार और निवेशकों की सकारात्मक धारणा को बताया। जेएम फाइनेंशियल की नेहा अग्रवाल ने कहा, ‘‘बाजार धारणा में सुधार और मजबूत अंतर्निहित मांग के साथ, कंपनियां विकास के अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूंजी जुटाने पर गौर कर रही हैं।’’ रेलिगेयर ब्रोकिंग के अक्षय तिवारी ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में तेजी जारी है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मानक सूचकांक एनएसई निफ्टी 50 में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पूंजी बाजार में वृद्धि को पूंजी के घरेलू प्रवाह का समर्थन प्राप्त है। इससे बाजार में उम्मीद बढ़ी है।

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