उच्चतम न्यायालय में मामलों की सुनवाई के लिए महिला पीठ का गठन

img

नई दिल्ली, गुरुवार, 01 दिसम्बर 2022। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने वैवाहिक विवाद और जमानत के मामलों से जुड़ी स्थानांतरण याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी वाली पूरी तरह महिला न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की। उच्चतम न्यायालय के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब पूरी तरह महिला न्यायाधीशों वाली पीठ का गठन किया गया है। दो न्यायाधीशों वाली पीठ अभी शीर्ष न्यायालय की अदालत संख्या 11 में बैठ रही है। पीठ के समक्ष 32 मामले सूचीबद्ध किए गए है जिनमें से वैवाहिक विवाद और जमानत वाली 10-10 स्थानांतरण याचिकाएं हैं। स्थानांतरण याचिका ऐसी याचिका होती है जिनमें किसी मामले को राज्य एजेंसियों से केंद्रीय एजेंसी या किसी उच्च न्यायालय ने दूसरे उच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया जाता है।

सबसे पहले पूरी तरह से महिला पीठ का गठन 2013 में किया गया था जब न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा और न्यायमूर्ति रंजना प्रसाद देसाई की पीठ का गठन किया गया था। इसके बाद 2018 में न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ का गठन किया गया। अभी उच्चतम न्यायालय में तीन महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति हिमा कोहली, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी हैं। न्यायमूर्ति नागरत्ना का 2027 में देश की पहली प्रधान न्यायाधीश बनना तय है। उच्चतम न्यायालय में अभी सीजेआई समेत 27 न्यायाधीश हैं जबकि इसकी कुल क्षमता 34 न्यायाधीशों की है।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement