दिल्ली उच्च न्यायालय ने कॉलेज को नीट-यूजी की सीट संख्या बढ़ाने की अनुमति दी

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नई दिल्ली, रविवार, 13 नवंबर 2022। दिल्ली उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के एक कॉलेज को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक 2022 सत्र के लिए छात्रों की संख्या बढ़ाने की अनुमति देते हुए कहा कि योग्य चिकित्सकों की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए चिकित्सा बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना जरूरी है और उच्च स्तरीय कॉलेजों को चिकित्सा पेशेवरों की संख्या बढ़ाने के अवसर से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। तमिलनाडु के धनलक्ष्मी श्रीनिवासन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की। याचिका में, छात्रों की संख्या 150 से बढ़ाकर 250 करने के अनुरोध को अस्वीकार करने की अपील की गई थी।

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा, “देश की आबादी की सेवा करने के लिए अधिक योग्य चिकित्सकों की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने को लेकर चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे में वृद्धि जरूरी है। ऐसे में एनएमसी (राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग) जैसे नियामक निकायों की भूमिका निर्विवाद रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में कोई गिरावट नहीं हो, मंजूरी देने की प्रक्रिया का वास्तव में कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।”

याचिका में अपील की गई थी कि अदालत एनएमसी को निर्देश दे कि वह कॉलेज को शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से प्रति वर्ष 250 छात्रों को दाखिला देने के संबंध में अनुमोदन पत्र प्रदान करे। एनएमसी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता टी. सिंहदेव ने कहा कि आयोग ने कॉलेज का औचक निरीक्षण किया था और कॉलेज के अनुरोध पर केवल 200 सीट की अनुमति दी जा सकती है। कॉलेज के वकील ने कहा कि संस्थान सीट की संख्या बढ़ाकर 250 करने के लिए तैयार है और यदि इसके लिए अनुमति नहीं दी जाती है तो संसाधनों की भारी बर्बादी होगी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कॉलेज को सीट संख्या 150 से बढ़ाकर 250 करने की अनुमति प्रदान की।

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