फेविकोल को नीतीश कुमार को अपना ब्रांड एंबेसडर बना देना चाहिए : पीके

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पटना, रविवार, 11 सितंबर 2022। बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चुनाव रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर कभी एक साथ थे। एक साथ मिलकर बिहार से बीजेपी को बाहर भगाने के लिए शिद्दत से काम भी किया। लेकिन अब एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। आरोप प्रत्यारोप का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते। पीके के नाम से मशहूर पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने नीतीश कुमार और फेविकोल को लेकर तंज कसा है। पीके का कहना है कि बिहार में कई तरह के परिवर्तन उन्होंने देखे। नीतीश कुमार कभी बीजेपी के साथ रहे तो कभी उसके खिलाफ। लेकिन एक चीज नहीं बदली और वो है नीतीश का सीएम की कुर्सी पर लगातार काबिज रहना। ये बाजीगरी नीतीश के पास ही है कि वो येन केन प्रकारेण सीएम की कुर्सी को हथिया ही लेते हैं। पीके का कहना है कि उन्हें नीतीश और उनके कुर्सी मोह को देखकर फेविकोल का एक पुराना विज्ञापन याद आता है। 

उनका कहना था कि नीतीश कुमार की राजनीति को देखकर उन्हें लगता है कि फेविकोल को उन्हं अपना ब्रॉन्ड अंबेसडर बना देना चाहिए। उनका और सीएम की कुर्सी का जो जोड़ है वो फेविकोल के विज्ञापन से काफी मेल खाता है। कुछ भी हो जाए लेकिन सीएम की कुर्सी से नीतीश का जोड़ टूटने वाला नहीं लगता है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर पीके का कहना है कि कांग्रेस की यात्रा’ उन राज्यों में ज़्यादा है, जहां बीजेपी कमज़ोर है। यह खुद में ही विरोधाभास है। उनका कहना था कि कांग्रेस को खुद को मजबूत करना है तो उसे सार्थक काम करना होगा। जनता के बीच पैठ बनाने के लिए नए सिरे से रणनीति पर मंथन करना होगा। वहीं, JDU अध्यक्ष लालन सिंह ने कहा कि हम जानते हैं आजकल प्रशांत किशोर किसके लिए काम कर रहे हैं, उनकी बात का कोई मतलब नहीं। गौरतलब है कि पीके कभी नीतीश कुमार के खासमखास थे तो कांग्रेस में भी उनकी एंट्री को लेकर चर्चा चल रही थी। सोनिया गांधी को उनकी प्रजेंटेशन पर काफी बात भी हुई। लेकिन न तो वो नीतीश से सामंजस्य बिठा सके और न ही कांग्रेस से।

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