अरावली मुद्दे को लेकर 19 जिलों में आंदोलन करेगी कांग्रेस

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जयपुर, मंगलवार, 23 दिसंबर 2025। अरावली की पहाड़ियों व पर्वतमाला की परिभाषा में कथित बदलाव किए जाने के विरोध में कांग्रेस ने राजस्थान के 19 जिलों में आंदोलन करने की घोषणा की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि खनन के नाम पर अरावली की लगभग 90 प्रतिशत जमीन को बर्बाद करने की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मुद्दे को लेकर यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। दोनों नेताओं ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर अरावली में प्रस्तावित खनन की सीमा के बारे में जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। डोटासरा ने आरोप लगाया कि अरावली रेंज में खनन की अनुमति देने के लिए कई कंपनियों से पैसे लिए गए हैं। उन्होंने कहा, ''भाजपा के शासनकाल में अधिकारियों और खनन माफिया के बीच बड़ा गठजोड़ और साझेदारी है। सरकार संगठित गिरोह की तरह देश की खनिज संपदा को लूट रही है। अरावली का मुद्दा इसी साजिश का हिस्सा है।''

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि केंद्र द्वारा उच्चतम न्यायालय में पेश की गई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि खनन के नाम पर अरावली की लगभग 90 प्रतिशत जमीन को बर्बाद करने की तैयारी की जा रही है। डोटासरा ने कहा, ''सरकार कह रही है कि खनन केवल 0.19 प्रतिशत वन क्षेत्र में होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि लगभग 68,000 एकड़ जमीन खनन माफिया के हवाले करने की इन्होंने तैयारी कर ली है।” भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अरावली पर्वतमाला की रक्षा के लिए 'ग्रीन कॉरिडोर' बनाने का वादा किया था, लेकिन अब वह 'अवैध खनन कॉरिडोर' की बात कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया, “जिस तरह चुनावी बॉण्ड के जरिए चंदा लिया गया, उसी तरह अब खनन माफिया से भी चंदा लिया जा रहा है।” डोटासरा ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा की भूमिका पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ''भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब से केंद्र में बनी है... संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग, उनकी स्वायत्तता को खत्म करना और केवल और केवल माफिया के हित के लिए काम करना... ये इनकी नीति रही है।''

विरोध प्रदर्शनों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य के 19 जिलों में “अरावली बचाओ” आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा,''यह सिर्फ़ कांग्रेस का आंदोलन नहीं है, यह जनता का आंदोलन है। विरोध प्रदर्शन बूथ से लेकर ब्लॉक स्तर तक होंगे और तब तक जारी रहेंगे जब तक केंद्र अपना फैसला वापस नहीं ले लेता।'' नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस आश्वासन पर तंज कसा कि अरावली को कोई नुकसान नहीं होगा।

जूली ने सवाल किया, "मुख्यमंत्री कहते हैं कि अरावली को कुछ नहीं होगा, लेकिन क्या उन्होंने ऊपर वालों से इजाजत ली है? पहली बार उन्होंने बिना कोई गलती किए बात की है, लेकिन असल में वह करेंगे क्या?" जूली ने कहा, "0.19 प्रतिशत का मतलब भी 68,000 एकड़ होता है। जब दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए वाहनों पर रोक लगाई जा रही है तो अरावली के साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया जा रहा है, जो रेगिस्तान बनने और प्रदूषण को रोकती हैं?" जूली ने अरावली को राजस्थान के "फेफड़े और जीवनरेखा" बताते हुए मुख्यमंत्री से स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की।

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