कृषि से ही देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त”– बागडे
जयपुर, सोमवार, 22 दिसंबर 2025। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि दीक्षान्त समारोह विद्यार्थी के जीवन का नव आरंभ होता है। आज विश्वविद्यालय की उपाधियों और स्वर्ण पदक उपलब्धियों में अधिकांश बालिकाएं हैं, जो अत्यंत सराहनीय है। छात्राओं को अवसर मिले तो वे स्वयं को बेहतर साबित करती हैं। कृषि शिक्षा में लड़कियों की बढ़ती रुचि प्रसन्नता का विषय है। देश की समृद्धि का मार्ग कृषि से ही प्रशस्त है। राज्यपाल श्री बागडे सोमवार को उदयपुर में आरएनटी मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षान्त समारोह में बतौर अध्यक्षीय उद्बोधन के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय जीवन का आरंभ और आधार है, देश की दो-तिहाई से अधिक आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। अनाज के बिना जीवन संभव नहीं है, लेकिन आज अनाज में रसायनों की बढ़ोतरी चिंताजनक है, जिससे अनेक बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बिना रसायन का अन्न कैसे उपलब्ध हो।
बागडे ने कहा कि राज्य में ऐसे कई किसान हैं जो बिना किसी फर्टिलाइजर के खेती कर रहे हैं। अनाज और खाद्यान्न की मांग बढ़ रही है, जबकि कृषि योग्य भूमि सीमित होती जा रही है। 80 के दशक तक देश को अनाज आयात करना पड़ता था, जबकि आज हमारे अनाज भंडार भरे पड़े हैं। यह कृषि क्षेत्र में देश की ऐतिहासिक उपलब्धि है।
राज्यपाल श्री बागडे ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं को देखते हुए पोषक तत्वों से भरपूर अनाज उत्पादन बढ़ाने पर कार्य करना होगा। देश - विदेश में श्री अन्न का उपयोग प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से बढ़ा है। उन्होंने छात्रों से कहा कि आज के युग में नौकरी के लिए केवल डिग्री नहीं, बल्कि बौद्धिक क्षमता, नम्रता और सभ्यता भी आवश्यक है। सरकार द्वारा बैल से खेती को प्रोत्साहन देने और डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने की योजनाएं किसानों के लिए संबल बन रही हैं। देश को समृद्ध बनाने के लिए गांवों को समृद्ध करना होगा। विकसित भारत 2047 का सपना युवा पीढ़ी के भरोसे ही साकार होगा। समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री बागडे द्वारा विभिन्न संकायों की 1 हजार 181 उपाधियां प्रदान की गईं तथा 44 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई विविध उन्नत कृषि किस्मों का भी लोकार्पण हुआ।
समारोह में कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि युवाओं का केवल नौकरी के पीछे भागने से काम नहीं बनेगा। भारत कृषि संकल्प यात्रा के माध्यम से पहली बार कृषि वैज्ञानिक लैब से निकलकर खेत तक पहुंचे हैं और किसानों को फील्ड में जाकर बताया जा रहा है कि कौन सा फर्टिलाइजर और कितनी मात्रा में उपयोग करना है। कृषि के स्वास्थ्य को उत्तम बनाने के लिए बेशुमार रसायनों और फर्टिलाइजर के उपयोग को नियंत्रित करना होगा तथा बायो फर्टिलाइजर को बढ़ावा देना होगा। अधिक उपज के लालच में अंधाधुंध फर्टिलाइजर उपयोग से धीरे-धीरे उत्पादन घट रहा है।
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