राजधानी में प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली पुलिस ने यातायात कर्मियों के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाए
नई दिल्ली, शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025। राजधानी में वायु गुणवत्ता के ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बने रहने और तापमान में गिरावट के बीच, दिल्ली पुलिस ने अपने यातायात कर्मियों को प्रदूषण और सर्दी के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। दिल्ली यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत कर्मियों को उच्च गुणवत्ता वाले एयर-फिल्टर मास्क, सर्दियों के कपड़े और नियमित स्वास्थ्य जांच जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, “हर साल की तरह जब दिल्ली में धुंध छाने लगती है और वायु गुणवत्ता गिरती है, तो यातायात पुलिसकर्मी सबसे अधिक प्रभावित समूहों में शामिल होते हैं क्योंकि उन्हें लंबे समय तक खुले में ड्यूटी करनी पड़ती है। इस बार हमने उनके लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने का निर्णय लिया है।” अधिकारी ने बताया कि दिल्ली यातायात पुलिस में करीब 6,000 कर्मी हैं, और प्रत्येक को मास्क, सर्दियों के कपड़े और अन्य आवश्यक सामग्री दी जा रही है ताकि वे अपनी जिम्मेदारियां ठीक से निभा सकें। उन्होंने कहा, “इस वर्ष हम अपने कर्मियों को उच्च गुणवत्ता वाले लगभग 50,000 मास्क वितरित कर रहे हैं। पिछले साल हमने एन-95 मास्क दिए थे, लेकिन इस बार हमने और प्रभावी तथा टिकाऊ मास्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जो प्रदूषण और धूल से बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं।”
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह पहल दिल्ली पुलिस की एक व्यापक सुरक्षा योजना का हिस्सा है, जिसे सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण और गिरते तापमान से निपटने के लिए तैयार किया गया है। हाल के दिनों में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 के पार पहुंच गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है, जबकि कई इलाकों में धुंध के कारण दृश्यता भी घटी है।
अधिकारी ने कहा, “यातायात कर्मी रोजाना आठ से दस घंटे तक प्रमुख चौराहों और भीड़भाड़ वाले मार्गों पर ड्यूटी करते हैं, अक्सर बिना किसी आश्रय के। ऐसे में उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा और उन्हें पर्याप्त संसाधन मुहैया कराना बेहद जरूरी है।” उन्होंने बताया कि दिल्ली यातायात पुलिस अपने टोडापुर मुख्यालय में नियमित स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित कर रही है, ताकि कर्मियों की शारीरिक और मानसिक सेहत की निगरानी की जा सके और जरूरत पड़ने पर समय रहते इलाज सुनिश्चित किया जा सके।
अधिकारी ने कहा “हम वर्षभर हर महीने दो से तीन बार टोडापुर स्थित यातायात पुलिस मुख्यालय में स्वास्थ्य शिविर लगाते हैं।” इन शिविरों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ चिकित्सक जैसे नेत्र रोग विशेषज्ञ और सामान्य चिकित्सक कर्मियों की जांच करते हैं। साथ ही, मनोवैज्ञानिकों को भी बुलाया जाता है ताकि कर्मियों को तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके। अधिकारी ने बताया कि यातायात ड्यूटी की कठिन प्रकृति को देखते हुए, कर्मियों के कल्याण के लिए अतिरिक्त कदम भी उठाए जा रहे हैं।
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