उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की अटकलों को तृणमूल ने नहीं दी तव्वजो

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नई दिल्ली, गुरुवार, 11 सितंबर 2025। उपराष्ट्रपति चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ की खबरों के बीच तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने बृहस्पतिवार को कहा कि “यहा-वहां के 15 वोटों” पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सरकार को अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के 15 दिन, मणिपुर में हिंसा शुरू हुए 862 दिन, और पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा निधि रोके जाने के 1,282 दिन गिनने चाहिए। उनकी यह टिप्पणी उपराष्ट्रपति चुनाव में सी. पी. राधाकृष्णन की, उम्मीद से अधिक अंतर से जीत हासिल करने के बाद आई है। भाजपा नेताओं का दावा है कि उन्हें प्रतिद्वंद्वी खेमे से भी समर्थन मिला। राधाकृष्णन की बड़ी जीत विपक्ष के लिए एक झटका मानी जा रही है। विपक्ष ने दावा किया था कि उसके सभी 315 सांसद एकजुट हैं और उन्होंने अपने साझा उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में मतदान किया है।

ओ’ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, “अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए 15 दिन हो चुके हैं, मणिपुर में हिंसा को 862 दिन, जे. पी. नड्डा निर्धारित कार्यकाल से अधिक समय से भाजपा के अध्यक्ष पद पर 967 दिन से बने हुए हैं, पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा निधि रोके 1,282 दिन हो चुके हैं, लोकसभा में 2,278 दिन से उपाध्यक्ष नहीं है, और प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा में किसी प्रश्न का उत्तर दिए हुए 4,117 दिन बीत चुके हैं।” तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा, “इन अहम आंकड़ों के लिए मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। यहां-वहां के 15 वोट कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाए।’’

राधाकृष्णन मंगलवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए। उन्हें 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार एवं उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। उनके पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ के संकेत मिले हैं। नतीजों की घोषणा के बाद भाजपा नेताओं ने दावा किया कि कम से कम 15 विपक्षी सांसदों ने राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान किया। सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से यह भी संकेत मिले कि कुछ विपक्षी सांसदों ने जानबूझकर अमान्य वोट डाले।

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