मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे 350 श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टरों की मदद से निकाला गया

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शिमला/बिलासपुर, शुक्रवार, 05 सितंबर 2025। मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे करीब 350 श्रद्धालुओं को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए हिमाचल प्रदेश के भरमौर से चंबा पहुंचाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। चंबा जिले के विभिन्न भागों में, विशेषकर भरमौर विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों तीर्थयात्री अब भी फंसे हुए हैं। इस विधानसभा क्षेत्र का अगस्त के अंतिम सप्ताह में भारी बारिश के कारण हुए कई भूस्खलनों और अचानक आई बाढ़ की वजह से सड़क संपर्क टूट गया है। चंबा के उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने कहा कि भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया है और शुक्रवार को सभी फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकाल लिया जाएगा। मणिमहेश यात्रा 15 अगस्त को शुरू हुई थी और तब से अब तक 17 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों तीर्थयात्री चंबा जिले के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर भरमौर क्षेत्र में फंसे हुए हैं। ऐसी अपुष्ट खबरें भी हैं कि मरने वालों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है। मणिमहेश झील कैलाश पर्वत की तलहटी में 13,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। हिमाचल प्रदेश कई इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद बाढ़ से जूझ रहा है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू और मनाली के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया तथा अधिकारियों को अवरुद्ध सड़कों को खोलने और उनकी मरम्मत कराने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। बिलासपुर में नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के बनाली गांव में बुधवार को भूस्खलन के बाद घरों में दरारें आ गयीं, जिसके बाद लगभग 14 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बनाली गांव में भूस्खलन के बाद दिलवर सिंह और सुरेंद्र सिंह नामक दो व्यक्तियों के परिवारों को बुधवार को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसके मकान खतरे में थे।

बाद में भारी बारिश के कारण अन्य मकानों में भी दरारें आ गईं और 14 मकानों को रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में कुल 1217 सड़कें बंद हैं। इनमें से 281 सड़कें मंडी में, 261 शिमला में, 231 कुल्लू में और 187 सड़कें चंबा जिले में अवरुद्ध हैं। शिमला-कालका रेल लाइन पर भूस्खलन के कारण इस पर चलने वाली रेलगाड़ियां शुक्रवार तक रद्द कर दी गई हैं।

राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई और मंडी जिले के बग्गी में बृहस्पतिवार शाम से 61.3 मिमी बारिश हुई। इसके बाद करसोग में 24.2 मिमी, धौलाकुआं में 18.0 मिमी, बुंतर में 16 मिमी, जोत में 14.2 मिमी, गोहर, रामपुर और मनाली में 13-13 मिमी, नैना देवी में 12.8 मिमी और जोगिंदरनगर में 10 मिमी बारिश हुई। स्थानीय मौसम कार्यालय ने सोमवार और मंगलवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में 95 अचानक बाढ़ आने की 95 घटनाएं, बादल फटने की 45 घटनाएं और बड़े भूस्खलन की 132 घटनाएं हुई हैं। मानसून शुरू होने के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 355 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 49 लोग लापता हैं।

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