पंजाब: बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए नावें तैनात, बचाव कार्य तेज

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पठानकोट/अमृतसर, बुधवार, 27 अगस्त 2025। पंजाब में कई दिनों से भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ के बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और अन्य एजेंसियों ने बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। अमृतसर (ग्रामीण) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि अजनाला क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए नावें तैनात की गई हैं। अमृतसर की उपायुक्त साक्षी साहनी ने रावी नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ का जायजा लेने के लिए इलाके का दौरा किया।

पठानकोट में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास उफनती रावी नदी से कई गांव जलमग्न हो गये। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकालने के लिए सुजानपुर, अटेपुर और बहेरी इलाकों में एनडीआरएफ की कई टीमें तैनात की गईं। पठानकोट के उपायुक्त आदित्य उप्पल ने लोगों से न घबराने की अपील की और किसी भी सहायता के लिए नियंत्रण कक्ष के नंबर पर फोन करने को कहा। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ और सेना की टीम प्रभावित इलाकों में हर संभव सहायता प्रदान करने में जुटी हैं। अधिकारियों ने बताया कि पठानकोट के सत्संग ब्यास केंद्र और गोसाईपुर में दो राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। लगातार बारिश और उफनती नदियों की वजह से पंजाब के कई गांव और निचले इलाके जलमग्न हो गये हैं। हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश के बाद सतलुज, व्यास व रावी नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे इन नदियों के किनारे बसे गांवों के साथ ही कृषि भूमि भी जलमग्न हो गयी हैं।

पौंग, भाखड़ा और रणजीत सागर बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से पंजाब के कई जिलों के गांवों की मुश्किलें बढ़ गईं। सबसे ज्यादा प्रभावित गांव पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर और होशियारपुर जिलों के हैं। कई मंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने मंगलवार को कहा था कि मैदानी और पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के कारण सभी बांध पूरी तरह भर गए हैं।

उन्होंने कहा था कि सरकार की तात्कालिक प्राथमिकताओं में जान-माल की रक्षा, नुकसान को कम करना और प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाना शामिल है। नदियों और नालों में पानी के तेज बहाव के कारण प्रभावित इलाकों में कई तटबंध टूट गए हैं, जिससे खेत जलमग्न हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में किसी भी संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने और प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत सुनिश्चित करने के लिए जालंधर के सर्किट हाउस में एक केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

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