विपक्ष के हंगामे के कारण तीन विधेयक नहीं हो पाये लोक सभा में पेश
नई दिल्ली, बुधवार, 20 अगस्त 2025। लोक सभा में बुधवार को 130वें संविधान संशोधन विधेयक और दो अन्य विधेयकों को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश करने की अनुमति मांगने के दौरान विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया, जिसके कारण इन्हें पेश नहीं किया जा सका और कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। शाह ने अपराह्न दो बजे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025, संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 का और संशोधन करने वाले संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2025, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 का और संशोधन करने वाले जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 पेश करने का प्रस्ताव किया। हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों ने इन विधेयकों पर कड़ी आपत्ति करते हुए अपने विचार रखे।
आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये विधेयक निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने के लिए लाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के अमल में आने पर नौकरशाही विधायिका काम करने लगेगी। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने इन्हें संविधान के मूल ढांचे और संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ बताया और कहा कि इनका राजनीतिक दुरुपयोग होगा। उनका कहना था कि ये विधेयक इस सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं कि बेगुनाह साबित होने तक कोई दोषी नहीं होता।
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि सरकार ने विधेयकों को लाने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। उन्होंने सवाल किया कि विधेयक इतनी जल्दबाजी में लाने की क्या जरूरत है और आरोप लगाया कि यह सरकार विपक्ष शासित राज्यों को अस्थिर करना चाहती है। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि विधेयकों को जल्दबाजी में लाने की बात ठीक नहीं है क्योंकि वह इन्हें संसद की संयुक्त समिति को सौंपने का अनुरोध करने वाले हैं।
कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने विधेयकों को संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि श्री शाह को गुजरात में गृह मंत्री रहते हुए गिरफ्तार किया गया था। इस पर श्री शाह ने कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाये गये थे और फिर भी उन्होंने गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था और नैतिकता के नाते न्यायालय से बरी होने तक कोई संवैधानिक पद नहीं लिया, वह चाहते हैं कि नैतिकता बढ़े। समाजवादी पार्टी के धर्मेन्द्र यादव ने इन विधेयकों को न्याय और संविधान विरोधी बताया।
इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही श्री शाह को विधेयक पेश करने को कहा, तभी कुछ विपक्षी सदस्य सत्ता पक्ष की ओर चले गये और गृह मंत्री की तरफ कागज फाड़कर फेंके। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे बढ़कर विपक्षी सदस्यों को रोकने की कोशिश की। इस पर सदस्यों के बीच नोंकझोंक भी हुई। हंगामा बढ़ता देश अध्यक्ष ने कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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