उम्मीद है शांति और प्रगति के लिए प्रार्थनाएं स्वीकार होंगी: फारूक अब्दुल्ला

काटरा/जम्मू, बुधवार, 11 जून 2025। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद हाल में शुरू की गई वंदे भारत एक्सप्रेस से बुधवार को श्रीनगर लौट आए। पूर्व मुख्यमंत्री ने वापस लौटने पर संवाददाताओं से कहा, ‘बहुत अच्छे से दर्शन किए और मुझे उम्मीद है कि मंदिर में शांति, प्रगति और भाईचारे के लिए की गई हमारी सभी प्रार्थनाएं स्वीकार होंगी ताकि हम आगे बढ़ सकें और हमारा देश भी आगे बढ़े तथा हम इसके विकास पथ का हिस्सा बन सकें।’
सत्तासी वर्षीय अब्दुल्ला ने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में मंगलवार को पहली बार यात्रा की और कटरा पहुंचे। वह रात भर मंदिर के गर्भगृह में रुके और मंदिर में विशेष प्रार्थना में हिस्सा लिया। उनके साथ उनके पोते जमीर और जाहिद, जम्मू-कश्मीर के मंत्री सतीश शर्मा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सलाहकार नासिर असलम वानी और मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक सहित नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई विधायक भी थे।
मंदिर में रात्रि विश्राम के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मुझे बहुत खुशी हुई।’ उन्होंने कहा, ‘मैं यहां ट्रेन से आया हूं और यह सेवा हमारे लिए एक नई शुरुआत है। इससे न केवल माता के दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि अमरनाथ गुफा मंदिर जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए भी यह फायदेमंद साबित होगा और वे भी बड़ी संख्या में आएंगे। इससे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को लाभ होगा।’
मंगलवार देर रात मंदिर में ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में मंत्री शर्मा ने कहा कि अब्दुल्ला ने तीन जून को गांदरबल में मेला खीर भवानी की अपनी यात्रा के दौरान वैष्णो देवी मंदिर जाने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, ‘इस पवित्र शहर (कटरा) पहुंचने के बाद हमने तीन बार दर्शन किए, जो हमारे लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद है… अब्दुल्ला दरबार तक पहुंचने के लिए दो से तीन किलोमीटर पैदल चले और हमने जम्मू-कश्मीर के लिए प्रार्थना की कि वह अपना खोया हुआ गौरव वापस पा ले। जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुट है और हम फिर से उस ऊंचाई तक पहुंचना चाहते हैं।’ मंत्री ने कहा कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत की प्रगति के लिए प्रार्थना की।
शर्मा ने इस यात्रा को ‘ऐतिहासिक’ बताया और कहा कि वे इसे जीवनपर्यंत याद रखेंगे। मंत्री ने कहा कि उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और पाकिस्तान की गोलाबारी के पीड़ितों के लिए भी प्रार्थना की। उन्होंने कहा, ‘वे (पाकिस्तानी) अपने नापाक मंसूबों में कभी सफल नहीं होंगे। आतंकवाद एक धंधा है, लेकिन हमारी बहादुर सेनाओं ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। अगर वे भविष्य में कोई शरारत करने की कोशिश करेंगे तो उनका यही हश्र होगा।’ नेशनल कांफ्रेंस के क्षेत्रीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कहा कि अब्दुल्ला की यात्रा से पूरे देश में सकारात्मक संदेश गया है और ‘हमें उम्मीद है कि पर्यटन उद्योग जल्द ही पटरी पर लौट आएगा जिसे पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बड़ा झटका लगा है।’


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