आप विधायकों ने दिल्ली में बिजली कटौती पर विधानसभा में चर्चा की मांग की

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नई दिल्ली, मंगलवार, 01 अप्रैल 2025। आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा सचिव को नोटिस सौंपकर राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में कथित बिजली कटौती पर चर्चा का अनुरोध किया। आप विधायक संजीव झा और कुलदीप कुमार ने दिल्ली के बिजली मंत्री आशीष सूद को अलग-अलग पत्र लिखकर लंबे समय तक बिजली की कटौती की समस्या पर प्रकाश डाला और सरकार से इस मुद्दे को सुलझाने का आग्रह किया। बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने 28 मार्च को अपने विधानसभा क्षेत्र के जगतपुर गांव में बिजली कटौती की ओर ध्यान आकृष्ट किया, जिससे घरों, व्यवसायों और आवश्यक सेवाओं पर असर पड़ा। 

झा ने विधानसभा में प्रक्रिया और व्यवसाय के संचालन नियमों के नियम 54 का हवाला देते हुए लिखा, ‘‘शिकायतों के बावजूद कोई तत्काल समाधान नहीं किया गया। मैं बिजली मंत्री से विस्तृत स्पष्टीकरण देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करता हूं।’’ इस बीच, विधायक कुलदीप कुमार ने विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 59 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की।  कुमार ने कहा, ‘‘इन बिजली कटौती से निवासियों को भारी असुविधा हुई है, कारोबार बाधित हुआ है और आवश्यक सेवाएं बाधित हुई हैं। स्थिति पर सरकार को तत्काल ध्यान देने और पूरी तरह से जवाब देने की आवश्यकता है।’’

बिजली आपूर्ति के मुद्दे ने आप और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। आप नेताओं ने भाजपा पर फरवरी में सत्ता संभालने के बाद बिजली वितरण का प्रबंधन करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। आप की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को बिजली कटौती के लिए भाजपा नीत प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और कुप्रबंधन का आरोप लगाया। आतिशी ने कहा, ‘‘ऐसा कैसे हो सकता है कि 10 साल में बिजली कटौती नहीं हुई, लेकिन भाजपा शासन के एक महीने के भीतर ही बिजली कटौती फिर से शुरू हो गई? इसका मतलब केवल एक ही है: भाजपा को सरकार चलाना नहीं आता। उनके पास दिल्ली के लोगों की सेवा करने का न तो इरादा है और न ही क्षमता।’’

आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि निर्बाध बिजली आपूर्ति किसी भी सरकार का मूल कर्तव्य है और उन्होंने आप पर बिजली क्षेत्र के प्रबंधन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सचदेवा ने कहा, ‘‘मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, वडोदरा और बेंगलुरु जैसे भाजपा शासित शहरों में निर्बाध बिजली आपूर्ति है। यहां तक ​​कि उत्तर प्रदेश, जो कभी खराब बिजली प्रबंधन के लिए जाना जाता था, अब स्थिर बिजली आपूर्ति कर रहा है। 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना सरकार का कर्तव्य है, कोई एहसान नहीं।’’

पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी शुक्रवार को इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और सोशल मीडिया पर भाजपा की आलोचना की। केजरीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमने बड़ी मुश्किल से दिल्ली में बिजली व्यवस्था स्थापित की थी, निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की। 10 साल तक बिजली कटौती नहीं हुई।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘सिर्फ एक महीने में उन्होंने व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।’’ दिल्ली की आठवीं विधानसभा का पहला बजट सत्र अभी जारी है। फरवरी में हुए चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीट जीती, जिससे आप का एक दशक पुराना शासन खत्म हो गया और 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में उसकी वापसी हुई।

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