नॉर्दर्न कोलफील्ड्स की 24,000 करोड़ रुपये की पुनर्वास परियोजना जल्द शुरू होगी

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कोल इंडिया की इकाई एनसीएल जल्द ही मध्य प्रदेश के सिंगरौली में मोरवा कस्बे को स्थानांतरित करने के लिए अपनी 24,000 करोड़ रुपये की पुनर्वास और पुनर्स्थापन (आर एंड आर) परियोजना शुरू करेगी। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। ‘सिंगरौली पुनरुद्धार’ परियोजना के तहत इस पुनर्वास में 927 हेक्टेयर में फैले कस्बे से करीब 50,000 लोगों और 22,500 घरों को स्थानांतरित किया जाएगा। सिंगरौली में करीब 60 करोड़ टन खनन योग्य कोयला है। नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) बी साईराम ने पीटीआई-भाषा से कहा, “यह एक बहुत बड़ी परियोजना है जिसकी अनुमानित लागत 24,000 करोड़ रुपये है। हम लाभ और दस्तावेजी आवश्यकताओं में छूट के संबंध में सभी चार निवासी संघों के साथ बातचीत के अंतिम चरण में हैं। अच्छी बात यह है कि लोग स्थानांतरित होने के लिए सहमत हो गए हैं।”

उन्होंने कहा कि कस्बे का स्थानांतरण इसलिए जरूरी था क्योंकि एनसीएल की जयंत कोयला खदान का विस्तार हो रहा है और अगले दो वर्षों में इसके आवासीय क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में आने की उम्मीद है, जिससे खनन कार्य में बाधा आएगी।  फिलहाल एनसीएल भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों को सुलझाने पर काम कर रही है, जिस पर करीब 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आरएंडआर खर्च की भरपाई के लिए एनसीएल मई से कोयले की बिक्री पर 300 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त शुल्क लगाएगी। इससे वित्त वर्ष 2026-27 से इसके अनुमानित 14 करोड़ टन उत्पादन से सालाना करीब 4,200 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है।

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