साहित्य कानून का मानवीकरण करता है: पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़
नई दिल्ली, शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025। पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि साहित्य कानून को मानवीय बनाता है और यह कानूनी पुस्तकों में संदर्भ और करुणा के बीच के अंतर को पाट सकता है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने ‘ओकब्रिज पब्लिशिंग’ द्वारा आयोजित ‘विधि उत्सव 2025 – विधि, कानूनी साहित्य और प्रकाशकों का उत्सव’ के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘साहित्य कानून को मानवीय बनाता है। कानूनी पाठ में संदर्भ, करुणा और व्यापकता की जो कमी हो सकती है, उसे साहित्य से पाटा जा सकता है। चूंकि वकील, कानूनी पेशेवर और न्यायाधीश नैतिक निर्णय लेते हैं, इसलिए बदलती दुनिया में कानून हमेशा कम पड़ सकता है और यहां तक कि स्थापित विचारों को भी गहन समझ की आवश्यकता हो सकती है।’’
उन्होंने कहा कि न्यायालय की पीठ को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उप-वर्गीकरण की वैधता पर निर्णय लेते समय सामाजिक वास्तविकताओं की गहन समाजशास्त्रीय, ऐतिहासिक और सांख्यिकीय समझ की आवश्यकता थी। चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘कानून से परे देखना परिप्रेक्ष्य और स्पष्टता के लिए आवश्यक है। जमीनी स्तर से उभरने वाले बारीक आंकड़ों की जानकारी नियमित रूप से कानूनी संस्थाओं को मिलनी चाहिए ताकि यह हमारी बदलती दुनिया के साथ तालमेल बनाकर चल सकें।’’ उन्होंने कहा कि साहित्य कानून और समाज के बीच मध्यस्थ है और कानून के लिए सुधारात्मक उपकरण है।
Similar Post
-
भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर चर्चा की
नई दिल्ली, बुधवार, 29 अक्टूबर 2025। भारत और चीन की सेनाओं ने पूर् ...
-
झारखंड में पीपीपी के तहत चार नए मेडिकल कॉलेज के लिए केंद्र की मंजूरी
रांची, बुधवार, 29 अक्टूबर 2025। झारखंड सरकार को राज्य में सार्व ...
-
केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में चार नवंबर से शुरू होगी एसआईआर की प्रक्रिया
पुडुचेरी, बुधवार, 29 अक्टूबर 2025। केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेर ...
