बॉक्स ऑफिस पर ‘छावा’ की दहाड़

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बॉलीवुड अभिनेता विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘छावा’ बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। फिल्म ने पहले ही दिन 30 करोड़ से अधिक का बिजनेस कर लिया है। यह विक्की कौशल की पहले ही दिन अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। यह फिल्म छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज का किरदार निभाया है। फिल्म में छत्रपति संभाजी महारज की उस शूरवीरता को दर्शाया गया है जिसके कारण उनका नाम छावा यानि शेर का बच्चा पड़ा।

कहानी की शुरूआत में कहानी में छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन हो चुका है और मुगल साम्राज्य के शंहशाह औरंगजेब को लगता है कि अब दक्खन में उसे मात देने वाला कोई नहीं बचा। वह अब मराठों पर एकछत्र राज कर सकेगा। मगर वो इस बात से बिल्‍कुल भी वाकिफ नहीं था कि छत्रपति शिवाजी महाराज का चौबीस साल का निर्भय और जांबाज बेटा संभाजी उर्फ़ छावा (विक्‍की कौशल) अपने पिता के स्वराज के सपने को आगे बढ़ाने के लिए कटिबद्ध है। संभाजी की पत्नी (रश्मिका मंदाना) भी अपने बहादुर राजा के इस सपने को पूरा करने के लिए उसके साथ खड़ी है।

संभाजी अपने सेनापति, सर लश्कर उर्फ हंबीराव मोहिते (आशुतोष राणा) और बहादुर सिपाहियों के साथ औरंगजेब की सल्तनत के महत्वपूर्ण गढ़ बुरहानपुर पर आक्रमण करते हैं। मुगल सल्‍तनत को मराठा वीरों की सेना छठी का दूध याद दिला देती है। इसके बाद ही औरंगजेब, उसकी बेटी (डायना पेंटी) और मुगलों की विशालकाय सेना को संभाजी के पराक्रम का पता चलता है। इस पहली जीत के बाद संभाजी और उसकी महा पराक्रमी सेना पूरे नौ साल तक औरंगजेब की सल्तनत के विभिन्न गढ़ों पर हमले करके उसकी रणनीति को नेस्तानाबूत करती जाती है।

अब संभाजी, औरंगजेब के लिए एक ऐसा कांटा बन चुका था, जिसे वह अपनी तमाम कूटनीतिक चालों के बावजूद निकाल नहीं पाया था। मगर फिर शेर की दहाड़-सा निडर और हवा की तरह चपल महावीर संभाजी अपनों द्वारा ही छला जाता है। संगमेश्वअर में घात लगाकर बैठा उसका कट्टर दुश्मन औरंगजेब उसे कैद कर लेता है। औरंगजेब द्वारा तमाम रूह को कंपा देने वाली शारीरिक यातनाओं के बाद क्या छावा अपने दुश्मन के आगे हार मान लेगा? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

फिल्म के अभिनय की बात करें तो विक्‍की कौशल ने इस ऐतिहासिक किरदार को पर्दे पर जीवंत करने के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया है। विक्‍की कौशल को अपने करियर का शानदार ओपनिंग और क्लाइमैक्स सीन मिला है, जिसमें वे बेजोड़ साबित हुए हैं। शेर की तरह गर्जना करने वाले शूरवीर को वे पर्दे पर जिंदा कर गए हैं। स्वराज के प्रति उनक जूनून साफ नजर आता है। छावा के स्थाई शत्रु औरंगजेब के रूप में अक्षय खन्ना ने भी लाजवाब काम किया है। अक्षय के वनलाइनर, हाव-भाव और प्रॉस्थेटिक मेकअप उनके रोल को यादगार बना ले जाते हैं। आशुतोष राणा ने सर लश्कर की भूमिका को बेहद प्रभावशाली ढंग से जिया है, तो वहीं कवि कलश की भूमिका में विनीत कुमार का चरित्र दिल को छू जाता है।

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