महाकुंभ मेले में हालात सामान्य, निर्बाध रुप से श्रद्धालु लगा रहे हैं आस्था की डुबकी

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महाकुंभनगर, गुरुवार, 30 जनवरी 2025। महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व ''मौनी अमावस्या'' के दौरान हुये हादसे के बाद मेला क्षेत्र में गुरुवार को स्थिति सामान्य है तथा श्रद्धालुओं के स्नान ध्यान का क्रम शांतिपूर्वक ढंग से जारी है। मेला क्षेत्र में उत्साह के साथ श्रद्धालुओं रेला संगम की ओर लगातार बढ़ता जा रहा है। मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किये जाने के बाद केवल प्रशासनिक, पुलिस, नगर निगम और पैरा मिलेट्री जवानों के वाहनों के अलावा सड़क पर एबुंलेंस ही दिखायी दे रही हैं। श्रद्धालुओं को उनके निकट के घाट पर स्नान करने की लगातार अपील की जा रही है। स्नान के बाद तत्काल घाट को खाली करने की भी अपील की जा रही है। चारों तरफ बेरीकेडिंग कर रोक लगाया गया है।

मंगलवार की रात घटना वाले स्थल पर टूटे बैरीकेडिंग को दुरूस्त कर दिया गया है। मेला क्षेत्र में भी तादाद से अधिक पुलिस तैनात की गयी है। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए बच्चे, बूढ़े जवां सभी एक ही चाल में संगम में स्नान की बेकरार दिखलाई पड़ रहे हैं। मीडिया सेंटर के सामने काली सड़क पर श्रद्धालुओं के उत्साही जत्थे को देख उनकी आस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। संगम जाने के लिए काली सड़क, लाल सड़क, अस्थायी मेला प्राधिकरण के सामने की सड़क, बंधवा के नीचे की सड़क पर आम दिनों की तरह चहल कदमी दिखी। हालांकि सुबह से फिर श्रद्धज्ञलुओं की भीड़ संगम जाने के लिए बढ़ी है। स्थिति पूर्ण सामान्य बनी है और स्नान निर्वाध रूप से चल रहा है।

श्रद्धालुओं की सबसे बड़ी शिकायत है कि उनको 15 से 20 किलोमीटर दूर से संगम पहुंचने तक चलाया जा रहा है। मुहाने तक पहुंचने के बाद सबसे बड़ी समस्या पुलिस का बेरीकेडिंग पर रोकना है। यदि बेरीकेडिंग नहीं करें और लोगों को आसानी से जाने दें तो श्रद्धालु आसानी से स्नान कर निकल जाएंगे। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के रींवा से रज्जन बाबू अपनी पत्नी कबरी देवी के साथ संगम स्नान करने पहुंचे हैं। उन्होंने अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि पुलिस ने चारों तरफ बेरीकेडिंग कर रोक रखा रख है। 10 से 15 किलोमीटर चला रही है। पुलिस बहुत परेशान कर रही है। स्टेशन से पैदल चलकर आ रही हूं। दारागंज निवासी श्याम सिंह ने बताया कि प्रशासन ने 30 पंटून पुल क्यों बनाया है। जब सभी को बंद ही करके रखना है तो नहीं बनाते। वर्ष 2019 में कम पंटून पुल बने थे लेकिन मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हुई।

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