संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण मामले में अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी

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संभल (उप्र), गुरुवार, 28 नवंबर 2024। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वेक्षण मामले में रिपोर्ट पूरी तैयार नहीं होने पर अब अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी और अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया है।  जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की रिपोर्ट शुक्रवार को अदालत में पेश की जानी थी। दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) आदित्य सिंह की अदालत ने शुक्रवार को मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ जनवरी की तारीख निर्धारित की है।  ‘एडवोकेट कमिश्नर’ रमेश सिंह राघव ने बताया कि अभी सर्वेक्षण रिपोर्ट पूरी नहीं हुई है, इसीलिए अदालत से समय मांगा है। उन्होंने बताया कि अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी।

मस्जिद कमेटी के वकील आमिर हुसैन ने पत्रकारों को बताया कि आज अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष और मौका मुआयना करने वाले ‘एडवोकेट कमिश्नर’ भी मौजूद थे। हुसैन के अनुसार, ‘‘अदालत से एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है और वह सर्वेक्षण के लिए दोबारा मौके पर जाने की बात कह रहे थे। लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया और अब तक के निरीक्षण के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया।’’  उन्होंने बताया कि अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए ‘एडवोकेट कमिश्नर’ को 10 दिन का समय दिया है। हुसैन ने कहा, ‘‘हमें अदालत पर पूरा भरोसा है।’’ अदालत में सुनवाई और जुमे की नमाज के मद्देनजर आज संभल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान 19 नवंबर को दीवानी अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था जिसके बाद कुछ घंटों बाद ही सर्वेक्षण किया गया। याचिका में दावा किया गया कि इस मस्जिद का निर्माण मंदिर को खंडित करके किया गया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने 19 नवंबर को बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत ने ‘एडवोकेट कमीशन’ के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण कराकर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दशावतार में से एक कल्कि अवतार यहां से होना है। वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता।’’ जैन ने दावा किया था, ‘‘वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं। इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया।’’ संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने संवाददाताओं से कहा था कि आदेश के अनुसार ‘एडवोकेट कमिश्नर’ ने सर्वे किया और इस दौरान दोनों पक्ष मौजूद थे। बाद में 24 नवंबर को मस्जिद के दोबारा सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी और प्रदर्शनकारियों तथा पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी तथा 25 अन्य जख्मी हो गये।

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