न्यायालय ने सुभाष चंद्र बोस की मौत की जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका खारिज की

img

नई दिल्ली, सोमवार, 18 नवंबर 2024। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के मामले की जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने जनहित याचिका खारिज करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत हर चीज का समाधान नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘सरकार चलाना अदालत का काम नहीं है।’’ शीर्ष अदालत ने इससे पहले याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि याचिका में उन नेताओं के खिलाफ ‘‘लापरवाहीपूर्वक और गैरजिम्मेदाराना आरोप’’ लगाए गए हैं जो अब जीवित नहीं हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में महात्मा गांधी को भी नहीं बख्शा है। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता की प्रामाणिकता की जांच की जानी आवश्यक है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता पिनाक पाणि मोहंती से पूछा कि उन्होंने जनहित में और लोगों के मानवाधिकारों के लिए क्या काम किया है। मोहंती ने अपनी याचिका में कहा है कि वह ‘वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन (इंडिया)’ के कटक जिला सचिव हैं। सरकार ने इससे पहले एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में बताया था कि नेताजी की मृत्यु 1945 में ताइवान में एक विमान दुर्घटना में हुई थी।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement