‘Vijay 69’: बुजुर्गों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आए अनुपम खेर

img

बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर की नई फिल्म ‘विजय 69’ रिलीज हो चुकी है। फिल्म में अनुपम खेर ने एक बूढ़े आदमी (मैथ्यू) का किरदार निभाया है, जो बुजुर्गों के सपनों, आकांक्षाओं, उम्मीदों और चाहतों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर देते हैं। ‘मैं 69 साल का हूं, तो क्या सपने देखना बंद कर दूं? 69 का हूं, तो सुबह अखबार पढूं? सिर्फ वॉक पे जाऊं? सिर्फ दवाइयां खाकर सो जाऊं और एक दिन मर जाऊं?’ फिल्म के ये डायलॉग हमें बुजुर्गों की जिंदगी की उस पूर्व संध्या के बारे में सोचने पर मजबूर कर देते हैं, जहां रिटायरमेंट के बाद उनकी जिंदगी का पूर्ण विराम मान लिया जाता है और उन्हें हाशिये पर धकेल दिया जाता है।

क्या है फिल्म की कहानी-

फिल्म की कहानी एक 69 साल के ऐसे व्यक्ति की है, जिसके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि उसने जीवन में क्या किया है। 69 साल के विजय मैथ्यू (अनुपम खेर) जब एक रात घर नहीं लौटते तो उनका परिवार, पड़ोसी और दोस्त यह मान लेते हैं कि उनकी मौत हो गई है और वह अब कभी घर नहीं लौटेंगे। उनके ने कॉफिन मंगवाया जाता है। सभी लोग दुख में डूब जाते हैं, तभी अचानक से मैथ्यू प्रकट हो जाते हैं। वह सभी को बताते हैं कि उनकी मौत नहीं हुई है, मगर उसी पल उन्हें अहसास होता है कि यदि वह मर गए तो लोग उन्हें कि रूप में याद करेंगे।

एक समय तैराकी के प्रति जुनूनी भावना रखने वाले विजय नेशनल लेवल पर स्विमिंग में ब्रॉन्ज मेडल भी जीत चुके हैं। मगर जब उन्‍हें पता चलता कि उसकी पत्नी कैंसर से जूझ रही है, तब पत्नी की देखभाल और बेटी की परवरिश के लिए वह अपने पैशन का गला घोंटकर एक मामूली से क्लब में स्विमिंग कोच बन जाते हैं। पर उम्र के इस पड़ाव पर वह अपने जुनून और अपनी मृत पत्नी की अधूरी इच्छा को पूरा करने के लिए ट्रायथलॉन में भाग लेने की जिद पकड़ लेते हैं। इसमें 1.5 किमी तैराकी, 40 किमी साइकिलिंग और 10 किमी दौड़ शामिल है, लेकिन जिसका पैर खराब हो वो ऐसा कैसे कर सकता है? उनके सेहत संबंधी मसलों का वास्ता देकर उन्‍हें डराते हैं, और तो और ट्रायथलॉन के लिए चार महीने के कड़े प्रशिक्षण के बाद उनका आवेदन भी खारिज कर दिया जाता है। मगर फिर कैसे वो अपनी जिद पूरी करते हैं? यह जानने के लिए तो आपको नेटफ्लिकस पर पूरी फिल्म देखनी होगी।

कैसी है फिल्म

विजय 69 इस साल की सबसे प्रेरणादायक फिल्मों में से एक है, ये फिल्म आपको काफी इंस्पायर करती है। फिल्म आपको काफी इमोशनल करती है, आपकी आंखों से आंसू आते हैं, इमोशन्स को जिस तरह से फिल्म में दिखाया गया है वो वाकई आपको रुला डालता है। ये फिल्म आपको इस बात के लिए प्रेरणा दे देगी कि उठो और अपने सपनों के लिए कुछ करो, उठो और सालों से जिस काम को टालते आ रहे थे उसको करो। इस तरह की फिल्में हमें सिर्फ एंटरटेन नहीं करती, बहुत कुछ सिखाकर जाती है। इसलिए आपको एक बार यह फिल्म जरूर देखनी चाहीए।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement