शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट, सेंसेक्स 809 अंक लुढ़का
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और विदेशी पूंजी की निकासी के बीच शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक लगातार पांचवें सत्र में गिरावट पर रहे। सेंसेक्स में करीब 809 अंक और निफ्टी में 235 अंक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों ने कहा कि उथल-पुथल भरे कारोबारी सत्र में दैनिक उपभोग के सामान बनाने बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियों, वाहन और ऊर्जा कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली के कारण बाजार में गिरावट आई।
इसके अलावा तेल उत्पादक पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता पैदा होने से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने भी बाजार की धारणा को प्रभावित किया। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स लगातार पांचवें दिन गिरावट पर रहा। सेंसेक्स 808.65 अंक यानी 0.98 प्रतिशत फिसलकर 81,688.45 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 81,532.68 का निचला और 83,368.32 का ऊपरी स्तर छुआ। यह सेंसेक्स में 1,835.64 अंकों का बड़ा उतार-चढ़ाव दर्शाता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 235.50 अंक यानी 0.93 प्रतिशत का गोता लगाते हुए 25,049.85 पर आ गया। कारोबार के दौरान निफ्टी 24,966.80 के निचले और 25,485.05 के ऊपरी स्तर तक गया।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, नेस्ले, भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में सर्वाधिक गिरावट रही। दूसरी तरफ इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में बंद हुए। चीन के बाजार सार्वजनिक अवकाश होने के कारण बंद हैं। यूरोप के ज्यादातर बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 15,243.27 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘पिछले तीन दिनों में एफआईआई 30,614 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली कर चुके हैं। दरअसल एफआईआई भारत के महंगे बाजार की जगह हांगकांग के सस्ते बाजार में पूंजी लगा रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि चीन सरकार के मौद्रिक और राजकोषीय प्रोत्साहन से वहां की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।’ पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.99 प्रतिशत चढ़कर 78.39 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
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