जानिए क्या होता है कुंवारा पंचमी श्राद्ध?
गुरुड़ पुराण और अन्य पुराणों में पितरों की महिमा का विस्तार से वर्णन है। कहा जाता है कि श्राद्ध पक्ष (श्राद्ध पक्ष) के 15-16 दिनों में पितरों को खुश करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि मिलती है।
कुंवारा पंचमी क्या है?
- कुंवारा पंचमी, श्राद्ध पक्ष की पंचमी तिथि होती है। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु पंचमी के दिन हुई हो या जो अविवाहित रहते हुए ही निधन हो गए हों। इसे कुंवार पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन घर के कुंवारे पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर कृपा बनी रहती है।
कुंवारा पंचमी 2024 में कब है?
- इस साल कुंवारा पंचमी का श्राद्ध 22 सितंबर 2024 को किया जाएगा।
- पंचमी तिथि की शुरुआत: 21 सितंबर 2024, शाम 06:13 बजे
- पंचमी तिथि समाप्त: 22 सितंबर 2024, दोपहर 03:43 बजे
कुंवारा पंचमी श्राद्ध की विधि
- सुबह का स्नान: इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और देव स्थान व पितृ स्थान को गाय के गोबर से लीपें।
- भोजन तैयार करना: महिलाएं स्नान करके पितरों के लिए भोजन बनाएं, जिसमें खीर, पूड़ी, और कद्दू की सब्जी जरूर शामिल करें।
- पत्तों का उपयोग: भोजन परोसने के लिए केले के पत्ते या मोहा वृक्ष के पत्तों से बनी पत्तल का उपयोग करें।
- निमंत्रण: कुंवारा पंचमी पर अविवाहित ब्राह्मण और घर की बहन-बेटी को भोजन के लिए निमंत्रित करें।
- श्राद्ध कर्म: दोपहर के समय कुंवारे पितरों के नाम श्राद्ध कर्म करें और अग्नि को भोजन अर्पित करें। इसके बाद पंचबली भोग निकालकर ब्राह्मण को भोजन खिलाएं।
- दान और विदाई: बहन और ब्राह्मण को दान देकर आदरपूर्वक विदाई करें।
- इस तरह, कुंवारा पंचमी पर पितरों को श्रद्धांजलि देकर परिवार में सुख-शांति की कामना की जाती है।
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