भारत के वो मशहूर मंदिर, जहां पर लागू हैं 'ड्रैस कोड'

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भारत में अनेक भव्य और ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो न सिर्फ अपनी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए मशहूर हैं, बल्कि यहां आने वाले भक्तों के लिए एक विशेष प्रकार का अनुशासन और सम्मान भी निर्धारित किया गया है। इन मंदिरों में से कई मंदिरों में दर्शन के लिए ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य है। ड्रेस कोड न सिर्फ मंदिर की गरिमा को बनाए रखने के लिए है, बल्कि यह भक्तों को भी एक निर्धारित अनुशासन में लाने के उद्देश्य से होता है। आइए आपको बताते हैं भारत के कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे में जहां ड्रेस कोड लागू है और वहां के नियमों के बारे में।

गुरुवायुर कृष्ण मंदिर (केरल)
गुरुवायुर कृष्ण मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो केरल राज्य के गुरुवायूर में स्थित है। यह मंदिर विशेष रूप से अपनी धार्मिक गतिविधियों और रिवाजों के लिए मशहूर है। इस मंदिर में ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य है। पुरुषों को केवल पारंपरिक लूंगी पहनकर ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति होती है। वहीं, महिलाओं को साड़ी या सूट पहनकर ही भगवान के दर्शन करने की अनुमति है। यहां की परंपराओं के अनुसार, मंदिर में किसी प्रकार के पश्चिमी कपड़े जैसे जींस, टी-शर्ट या अन्य मॉडर्न कपड़े पहनकर प्रवेश करना मना है। यह ड्रेस कोड मंदिर की धार्मिक गरिमा और संस्कृतियों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

महाबलेश्वर मंदिर (कर्नाटक)
महाबलेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख मंदिर है, जो कर्नाटक राज्य के महाबलेश्वर में स्थित है। इस मंदिर में ड्रेस कोड के बारे में विशेष नियम हैं। जींस, पैंट, पायजामा, हैट, कैप, कोट, और बरमूडा जैसे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होती है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पुरुषों को धोती पहनना अनिवार्य होता है, और महिलाएं साड़ी या सूट पहनकर ही दर्शन कर सकती हैं। यह नियम मंदिर में भक्तों के सम्मान और धार्मिकता को बनाए रखने के उद्देश्य से हैं।

घृष्णेश्वर महादेव मंदिर (महाराष्ट्र)
घृष्णेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और यह महाराष्ट्र के संभाजी नगर (पूर्व में दौलताबाद) में स्थित है। यहां भी दर्शन के लिए ड्रेस कोड का पालन करना आवश्यक है। महिलाएं यहां पारंपरिक भारतीय पोशाक जैसे साड़ी पहनकर आती हैं, जबकि पुरुषों को दर्शन के लिए अपने ऊपरी कपड़े उतारने होते हैं। इसके अलावा, मंदिर में पर्स, बेल्ट या अन्य व्यक्तिगत सामान ले जाने पर भी प्रतिबंध है। यह मंदिर उन भक्तों के लिए एक विशेष स्थल है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक के दर्शन करना चाहते हैं।

महाकालेश्वर मंदिर (मध्य प्रदेश)
महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है और यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां भी ड्रेस कोड लागू है। मंदिर में प्रवेश के लिए पुरुषों को धोती और कुर्ता पहनना होता है, जबकि महिलाओं को साड़ी पहनकर ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिलती है। यहां दिन भर भक्तों की भारी भीड़ रहती है, और यह धार्मिक स्थल एक विशेष प्रकार की अनुशासन की भावना को बढ़ावा देता है। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए ड्रेस कोड का पालन करना मंदिर की शांति और गरिमा को बनाए रखने में मदद करता है।

तिरुपति बालाजी (आंध्र प्रदेश)
तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित है, और यह भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां भी दर्शन के लिए ड्रेस कोड का पालन करना जरूरी है। किसी भी भक्त को शॉर्ट्स, टी-शर्ट या अन्य आधुनिक कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती। महिलाओं को साड़ी या सूट पहनकर ही मंदिर में दर्शन करने का अधिकार होता है। तिरुपति बालाजी मंदिर में ड्रेस कोड का पालन श्रद्धा और सम्मान के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, ताकि भक्त पूरी तरह से भक्ति और ध्यान में लीन हो सकें।

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