बिहार: भारत बंद के दौरान पटना में लाठीचार्ज; आरा, दरभंगा और मधुबनी में ट्रेन रोककर प्रदर्शन

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पटना, बुधवार, 21 अगस्त 2024। उच्चतम न्यायालय के अनुसूचित जाति (एससी) के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के निर्णय के विरोध में दलित संगठनों की ओर से आज आहूत एकदिवसीय भारत बंद के दौरान बिहार की राजधानी पटना में पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी वहीं प्रदर्शनकारियों ने आरा, दरभंगा और मधुबनी में ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया। पटना में बुधवार को प्रदर्शनकारी महेंद्रू से डाकबंगला चौराहा पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग किया। लेकिन, प्रदर्शनकारियों के नहीं मानने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी।

समस्तीपुर से यहां प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, बंद समर्थकों ने समस्तीपुर रेल मंडल के दरभंगा एवं मधुबनी समेत विभिन्न स्थानों पर रेल ट्रैक को जाम कर ट्रेनों का परिचालन बाधित किया। इधर आरक्षण बचाव संयुक्त संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने समस्तीपुर शहर के जिला समाहरणालय के पास मुख्य मार्ग को जाम किया, जिसके कारण समस्तीपुर-दरभंगा और समस्तीपुर-पटना मुख्य मार्ग पर घंटों यातायात बाधित रहा। समस्तीपुर जिला परिषद् के पूर्व सदस्य एवं वरिष्ठ दलित नेता संजय राम के नेतृत्व में जिले के पटोरी के चंदन चौक पर भी मुख्य मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया गया। श्री राम ने कहा कि देश में दलितों को आपस में लड़ाकर आरक्षण छीनने की साज़िश चल रही है, जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जायेगा।

आरा में प्रदर्शनकारियों ने गाड़ी संख्या 01663 रानी कमलापति-सहरसा एक्सप्रेस को रोक दिया। प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, औरंगाबाद में बाजार बंद कराने के लिए प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों के साथ मार पीट की। गया से यहां प्राप्त सूचना के मुताबिक गया शहर में भी बंद समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि विधि व्यवस्था कायम रखने के लिए शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। प्रदर्शन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक सतीश कुमार दास ने कहा कि न्यायालय के द्वारा आरक्षण का वर्गीकरण किया जा रहा है। यह कहीं से सही नहीं है। हरियाणा सरकार ने इसे लागू भी कर दिया है, इसका हमलोग जोरदार विरोध करते हैं। हमारी मांग जायज है और अगर सरकार को यह लगता है कि हमारी मांग जायज है तो वह अध्यादेश लाकर आरक्षण को संविधान की 9वीं सूची में शामिल करे ताकि कोई भी सरकार इससे छेड़छाड़ करने की हिम्मत ना कर सके।

दास ने कहा कि न्यायालय के इस फैसले का हम जोरदार विरोध करते हैं। साथ ही केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान का भी हमलोग विरोध करते हैं। ये लोग सिर्फ दलित के साथ होने का दावा करते हैं। ये लोग दलित विरोधी हैं और तरह-तरह का बयान दे रहे हैं। हमारा यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। छपरा से प्राप्त समाचार के अनुसार सारण जिला मुख्यालय समेत इसके प्रखंड क्षेत्र में भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है । जिला मुख्यालय के भगवान बाजार थाना क्षेत्र के दारोगा राय चौक पर बंद समर्थकों ने टायर जलाकर आवागमन बाधित कर दिया, जबकि जिले के मशरक प्रखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 227 ए श्रीराम जानकी पथ, परसा प्रखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर प्रदर्शनकारियों ने आवागमन बाधित कर दिया। जिसे वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कुछ देर के बाद प्रारंभ करा दिया ।

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