भूटान नरेश तीन दिवसीय यात्रा पर असम पहुंचे, कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की

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गुवाहाटी, शुक्रवार, 03 नवम्बर 2023। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने असम की अपनी पहली तीन दिवसीय यात्रा शुक्रवार को गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर के दर्शन करके शुरू की। इससे पहले, पड़ोसी हिमालयी देश के 43 वर्षीय राजा यहां लोकप्रिय गोपीनाथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे जहां राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, उनके कैबिनेट सहयोगियों और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। वांगचुक को असम का पारंपरिक गमछा भेंट किया गया और उन्होंने मुख्यमंत्री एवं उनके कैबिनेट सहयोगियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया।

भूटान नरेश हवाई अड्डे से कामाख्या मंदिर गए, जहां पुजारियों, असम के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ और राज्य एवं कामरूप मेट्रो जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। मंदिर के बोर-दोलोई (प्रमुख पुजारी) कबींद्र प्रसाद शर्मा ने  बताया कि भूटान नरेश ने पीले रंग के पारंपरिक बौद्ध वस्त्र धारण कर गर्भगृह में पूजा-अर्चना की, मंदिर की ‘परिक्रमा’ की तथा दीपक प्रज्वलित किए। उन्होंने बताया कि वांगचुक ने मंदिर के पुजारियों से कहा कि वह अपने परिवार के साथ फिर से मंदिर में देवी के दर्शन करने आएंगे।

प्राधिकारियों ने उन्हें कामाख्या मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। राजा के यहां पहुंचने पर हवाई अड्डे के बाहर असम के विभिन्न समुदायों के सांस्कृतिक समूहों ने प्रस्तुति दी और अपने वाहन में बैठे वांगचुक ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। वह दोपहर में एक होटल में भूटानी प्रवासियों से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री शर्मा शाम को भूटान नरेश के साथ बैठक करेंगे। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया उनके सम्मान में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रिभोज का आयोजन करेंगे।

भूटान नरेश और उनके साथ आया दल शनिवार को एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाएंगे। वांगचुक रविवार को जोरहाट से नयी दिल्ली रवाना होंगे । मुख्यमंत्री ने कहा कि असम के लोगों की ओर से ‘‘भूटान नरेश महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है।’’ उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के मार्गदर्शन में हम अपने दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।’’ राज्य कैबिनेट ने सद्भावना प्रदर्शित करते हुए बुधवार को भूटान की शाही सरकार के लिए तीन एमबीबीएस सीट आरक्षित रखे जाने को मंजूरी दी। भारत और भूटान की 649 किलोमीटर की साझा सीमा है, जिसमें से 267 किलोमीटर की सीमा असम के साथ लगती है।

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