आखिर क्यों भद्रा में नहीं बांधते हैं राखी? यहाँ जानिए कारण

img

रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के प्यार-स्नेह का प्रतीक है। वही इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को प्रातः 10:58 मिनट से आरम्भ होगी, जो 31 अगस्त 2023 को प्रातः 07:05 तक चलेगी। रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त 2023 रात 09:01 से 31 अगस्त प्रातः 07:05 तक रहेगा। मगर 31 अगस्त को सावन पूर्णिमा प्रातः 07: 05 मिनट तक है, इस समय भद्रा काल नहीं है। इस कारण 31 अगस्त को बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। मगर राखी बांधते वक़्त रक्षाबंधन का ध्यान अवश्य रखें।

भद्रा में राखी क्यों नहीं बांधते हैं?
हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक, कहा जाता है कि शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी, जिस कारण रावण के पूरे कुल का सर्वनाश हो गया था। इसलिए ऐसा माना जाता है कि बहनों को भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। यह भी कहा जाता है कि भद्रा काल में रक्षाबंधन  पड़ने से भाई की उम्र कम हो जाती है।

सबसे पहले रक्षाबंधन किसने बनाया था?
सबसे पहले रक्षाबंधन देवराज इंद्र और उनकी बहन इंद्राणी ने मनाया था। इस संसार में सबसे पहले इंद्राणी ने देवराज इंद्र को राखी बांधी थी। हिंदू पौराणिक कथाओं में, रक्षाबंधन की जड़ें एक दिलचस्प किंवदंती में पाई जाती हैं। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, जब देवता राक्षसों से युद्ध कर रहे थे, तब भगवान इंद्र की पत्नी शची ने भगवान विष्णु से मार्गदर्शन मांगा। उनकी भक्ति से प्रभावित होकर, भगवान विष्णु ने उन्हें एक पवित्र धागा दिया और उन्हें सुरक्षा के लिए इसे अपने पति की कलाई पर बांधने का निर्देश दिया। इस कृत्य से, भगवान इंद्र विजयी हुए और राखी की परंपरा का जन्म हुआ।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement