औद्योगिक इकाइयों के अपशि्ष्ट से रामगढ़ के गांवों में प्रदूषण होने की कोई अधिकृत सूचना नहीं- वन एवं पर्यावरण मंत्री

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जयपुर, मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023। वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा समय-समय पर अलवर के मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र स्थित औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण कर प्रदूषण के संबंध में जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में परिसर के बाहर अपशिष्ट (उच्छिष्ट) निस्त्रवित करने के मामले में इस औद्योगिक क्षेत्र में स्थित पांच उद्योगों के खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जल अधिनियम की धारा 33 ए के अन्तर्गत उद्योग बंद कराने तथा विद्युत एवं जल सम्बन्ध विच्छेद कराने के निर्देश जारी किए हैं। 

वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्योगों से निष्कासित प्रदूषण तत्व निर्धारित मानकों के अन्तर्गत नहीं पाए जाने पर दोषी उद्योगों के विरूद्ध जल अधिनियम-1974 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाती है, जिसमें उद्योगों को बंद कराना तथा विद्युत एवं जल सम्बन्ध विच्छेद करना शामिल है।

इससे पहले विधायक श्रीमती सफिया जुबेर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि एमआईए अलवर में स्थापित औद्योगिक इकाइयों द्वारा निस्त्रवित अपशिष्ट से रामगढ़ तहसील के गांवों में प्रदूषण फैलने की कोई अधिकृत सूचना राज्य सरकार को नहीं है। रामगढ तहसील में ग्राम अग्यारा के पास हनुमान मंदिर के समीप, ग्राम बगड़ मेव तथा ग्राम बगड़ राजपूत से प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा प्रत्येक 6 माह में भूजल के नमूने एकत्रित किए जाते हैं। नवीनतम नमूने 10 अक्टूबर 2022 को एकत्रित किए गए थे। इन तीनों भूजल स्रोतों के नमूने टोटल कॉलीफार्म/फीकल कॉलीफार्म के मानकों को छोड़कर बीआईएस के ड्रिंकिंग मानकों के अनुरूप हैं। 

वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि भू-जल में कॉलीफार्म की उपस्थिति सीवेज जनित प्रदूषण को दर्शाती है। यह औद्योगिक अपशि्ष्ट से होने वाले भू-जल प्रदूषण का संकेतक नहीं है। उन्होंने राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा भूजल के लिए गए नवीनतम नमूनों की रिपोर्ट तथा उद्योगों का विवरण सदन के पटल पर रखा।

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