1989 अपहरण मामले में अदालत में पेश नहीं हुईं रूबैया सईद, जमानती वारंट हुआ जारी

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नई दिल्ली, मंगलवार, 23 अगस्त 2022। रुबैया सईद के खिलाफ मंगलवार को कोर्ट में पेश नहीं होने पर जमानती वारंट जारी किया गया है। दिसंबर 1989 में कश्मीर में रुबैया सईद के अपहरण से संबंधित एक मामले में यासीन मलिक वर्चुअल मोड के माध्यम से मौजूद था और अन्य सभी आरोपी फिजिकल रूप से मौजूद थे। इससे पहले मुकदमे के दौरान रूबैया सईद ने मलिक की पहचान उसके अपहरणकर्ताओं में से एक के रूप में की थी। सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने कहा, "रूबैया सईद अपहरण का मामला आज सूचीबद्ध किया गया। उसे आज अदालत में पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुई, उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है।

1989 अपहरण मामले पर सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने कहा कि रुबैया सईद (पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बहन) को आज  क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए कोर्ट में आना था लेकिन वो नहीं आईं तो कोर्ट ने उन्हें समन भेजा है और जमानती वारंट जारी किया है। अगली तारीख 21 सितंबर है। सीबीआई के वकील मोनिका कोहली ने कहा कि आरोपी यासीन मलिक को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उसे शारीरिक रूप से पेश होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे शारीरिक सुनवाई दी जानी चाहिए ताकि मैं जिरह कर सकूं। कोर्ट ने कहा है कि हम ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि पहले से ही हाईकोर्ट का आदेश है कि सभी आरोपियों को वर्चुअल मोड के जरिए ही पेश होना होगा। मलिक ने कानूनी सहायता से इनकार कर दिया है और शारीरिक उपस्थिति के लिए जोर दे रहा है।

बता दें कि रुबैया सईद का 8 दिसंबर 1989 को अपहरण कर लिया गया था और 13 दिसंबर 1989 तक उसे बंधक बनाकर रखा गया था। उसे जेकेएलएफ के पांच आतंकवादियों - हामिद शेख, अल्ताफ अहमद भट, नूर मोहम्मद कलवाल, जावेद अहमद जरगर और शेर खान के बदले में रिहा किया गया था। अपहरण का मामला, जिसे लगभग तीन दशकों तक ठंडे बस्ते में रखा गया था, जनवरी 2021 में फिर से खोल दिया गया। 

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