मोदी को अहंकार छोड़कर अग्निपथ योजना को लेना चाहिए वापस: हुड्डा
जयपुर, रविवार, 26 जून 2022। कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना को देश, सेना एवं नौजवानों के भविष्य के हित में नहीं बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अहंकार छोड़कर इस योजना को वापस लेने की मांग की है। हुड्डा ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केन्द्र सरकार को इस योजना को तुरंत वापस लेना चाहिए क्योंकि यह योजना देश, फौज एवं नौजवानों के भविष्य के हित में नहीं हैं। उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि अहंकार छोड़े और देश के नौजवानों एवं फौज के मन की बात भी सुने। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी फौज को कमजोर नहीं होने देगी और इसे कमजोर करने वाले हर कदम का वह विरोध करेगी और देश की सुरक्षा, फौज को कमजोर एवं नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह राष्ट्रभक्ति के नाम पर वोट तो बंटोरना चाहती है लेकिन नौजवानों की देशभक्ति उसके समझ में नहीं आती और उसने युवाओं के जज्बे का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि देश के नौजवान सेना में संविदा के नाम पर नहीं, वे देश की सेवा के लिए फौजी बनना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जब देश चारों ओर से दुश्मनों से घिरा हुआ हैं एक तरफ चीन एवं एक तरफ पाकिस्तान है और इस योजना के आधार पर हमारी फौज की संख्या धीरे धीरे कम होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत भर्ती संविदा पर होगी और उसके एक चौथाई पक्के होंगे, ऐसे में देश के सैन्य बलों में पन्द्रह साल बाद सैनिकों की संख्या 14 लाख से घटकर छह लाख हो जायेगी। उन्होंने कहा कि फौज में जाने वाला व्यक्ति अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करेगा तो वह देश के लिए कैसे लड़ पायेगा। हुड्डा ने कहा कि दुनियां में सर्वश्रेष्ठ भारत की फौज है और उस फौज की प्रणाली के साथ व्यापक चर्चा किए बिना छेड़खानी करना उसकी नींव को हिलाने का काम किया जा रहा है। यह नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
उन्होंने कहा कि देश की फौज पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने केन्द्र सरकार पर बाहर से नीति लाकर देश में थोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले अमरीका का उदाहरण देकर नये कृषि कानून किसानों पर थोपने की कोशिश की गई लेकिन आखिरकार उन्हें वापस लेना पड़ा मगर करीब सात सौ किसानों के बलिदान के बाद और अब इजरायल का उदाहरण देते हुए अग्निपथ योजना लेकर आये हैं।
उन्होंने कहा कि अमरीका और इजरायल की परिस्थतियां और भारत की परिस्थतियां अलग अलग हैं। ऐसे में बाहर की नीतियों को अपने देश में नहीं थोपा जाना चाहिए। उन्होंने संसद में अपने एक प्रश्न के उत्तर में मिली जानकारी के आधार पर कहा कि देश में केन्द्र एवं विभिन्न राज्यों में 62 लाख नौकरियों के पद रिक्त है, इसमें 26 लाख पद अकेले केन्द्र के हैं। इनमें दो लाख रिक्त पद तो सेना में हैं। तीन साल से सेना में भर्ती नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि पहले तो रक्षा मंत्री को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए। देश रिकॉर्ड बेरोजगारी का सामना कर रहा है और सरकार ने नौजवानों के साथ बड़ा मजाक किया है। अब सेना की संख्या घटेगी तो देश में बेरोजगारी और बढ़ेगी।
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