राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों में उनकी सीमा से एक किमी के दायरे में ईएसजेड होना चाहिए: न्यायालय
नई दिल्ली, शुक्रवार, 03 जून 2022। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारणयों में, संरक्षित वन की सीमांकित रेखा से कम से कम एक किलोमीटर के दायरे में पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) होना चाहिए। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के भीतर खनन को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि ईएसजेड में किसी पक्के निर्माण की मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों के मुख्य वन संरक्षक को ईएसजेड के भीतर मौजूद सभी निर्माणों की सूची तैयार करने और तीन माह के भीतर उसके समक्ष रिपोर्ट पेश करने को कहा है। पीठ ने कहा,‘‘ इस काम के लिए अधिकारी उपग्रह से तस्वीरें प्राप्त करने अथवा ड्रोन से फोटोग्राफी कराने के लिए सरकारी एजेंसियों की मदद ले सकते हैं।’’ उच्चतम न्यायालय ने यह निर्देश एक लंबित जनहित याचिका पर दिए। ‘टी एन गोडावर्मन बनाम यूओआई’ शीर्षक वाली यह याचिका वन संरक्षण के जुड़े मुद्दों पर है।
Similar Post
-
केन्या के राष्ट्रपति ने की विमान दुर्घटना में सैन्य प्रमुख के शहीद हाेने की पुष्टि
नैरोबी, शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024। केन्या के राष्ट्रपति विलियम र ...
-
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात एनएसजी के प्रमुख नियुक्त
नई दिल्ली, शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) क ...
-
बंद के आह्वान के बीच पूर्वी नगालैंड में मतदान केंद्र खाली नजर आए
कोहिमा, शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024। अलग राज्य की मांग को लेकर पूर् ...