बंगाल को मिला राज्य का पहला निजी पशु चिकित्सा महाविद्यालय

img

कोलकाता, शुक्रवार, 14 नवंबर 2025। पश्चिम बंगाल को राज्य का पहला निजी पशु चिकित्सा महाविद्यालय मिल गया और शुक्रवार को इसने सेवाएं देना शुरू कर दिया। कॉलेज संचालित होना इस क्षेत्र में पेशेवरों की मांग-आपूर्ति के अंतर को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘इंडियन जर्नल ऑफ एनिमल साइंसेज’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 1.5 लाख से अधिक पशु चिकित्सकों की आवश्यकता है, लेकिन यहां केवल 61,943 प्रशिक्षित पेशेवर ही उपलब्ध हैं। यहां जरूरत के अनुसार 60 प्रतिशत पशु चिकित्सक कम है। अनुमान है कि 2040 तक यह मांग तेजी से बढ़कर 2.84 लाख हो जाएगी, जो पश्चिम बंगाल में पशु चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं में निजी क्षेत्र की क्षमता के विस्तार की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।

राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पशुधन क्षेत्र लगभग 3.89 प्रतिशत और कृषि जीडीपी में लगभग 20.34 प्रतिशत का योगदान देता है। जेआईएस पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय (जेआईएससीओवीएएस) का निर्माण हुगली जिले के मोगरा में 30 एकड़ में किया गया है। इसकी औपचारिक घोषणा समूह के प्रबंध निदेशक सरदार तरनजीत सिंह ने की। पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (डब्ल्यूबीयूएएफएस) से संबद्ध और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (वीसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त यह संस्थान साढ़े पांच वर्षीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन स्नातक (बी.वी.एससी. एवं ए.एच.) पाठ्यक्रम प्रस्तुत करेगा।
 

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement