लाइसेंस निलंबन: उद्धव ने अधिवक्ता असीम सरोदे का समर्थन किया

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मुंबई, मंगलवार, 04 नवंबर 2025। शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने न्यायपालिका, महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कथित आलोचनात्मक टिप्पणी के लिए ‘बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा’ (बीसीएमजी) द्वारा निलंबित किए गए अधिवक्ता असीम सरोदे को समर्थन दिया है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि असहमति को दबाने और नागरिकों पर एक प्रकार की गुलामी थोपने का प्रयास किया जा रहा है।

बीसीएमजी ने सरोदे की कथित आलोचनात्मक टिप्पणी के कारण उनका लाइसेंस एक दिन पहले ही तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था। बार निकाय ने कहा था कि उन्होंने अधिवक्ता अधिनियम के प्रावधानों के तहत ‘पेशेवर कदाचार’ किया है। हालांकि सरोदे ने अपने ऊपर लगे आरोप का खंडन किया है। ठाकरे ने एक बयान में कहा, ‘‘यह लोगों को दबाने की साजिश है। आज के भारत में सच के साथ खड़े होने के लिए संघर्ष करना ही होगा। हम सभी स्वतंत्रता-प्रेमी नागरिक असीम जी के साथ मजबूती से खड़े हैं।’’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि मौजूदा सरकार अपने कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘राष्ट्र-विरोधी’ मानती है और उन्होंने इसे देश को लोकतंत्र से दूर ले जाने वाली एक खतरनाक प्रवृत्ति करार दिया।

ठाकरे ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज या महात्मा ज्योतिराव फुले का अपमान करना क्षम्य है। यहां तक ​​कि जब उच्चतम न्यायालय सरकार की आलोचना करता है तब भी कोई एक शब्द नहीं कहता। लेकिन अन्याय के खिलाफ बोलना और सच्चाई उजागर करना अपराध माना जाता है।’’ यह आदेश राजेश दाभोलकर नामक व्यक्ति द्वारा सरोदे के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत पर पारित किया गया। शिकायत के अनुसार, पुणे के अधिवक्ता ने पिछले साल मार्च में मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में भारत की न्याय प्रणाली, राज्य विधानसभाध्यक्ष और महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और टिप्पणियां कीं। बीसीएमजी की अनुशासन समिति ने कहा कि सरोदे द्वारा की गई टिप्पणी न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ है।

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