महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन ने घर में नजरबंद किए जाने का दावा किया
श्रीनगर, गुरुवार, 18 सितंबर 2025। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी भट के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए सोपोर जाने से रोकने के वास्ते उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। महबूबा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रोफेसर अब्दुल गनी भट के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए हमें सोपोर जाने से रोकने के वास्ते आज नेताओं को नजरबंद करने का फैसला जम्मू कश्मीर की कठोर और अलोकतांत्रिक वास्तविकता को उजागर करता है।’’ भट का लंबी बीमारी के बाद बुधवार शाम सोपोर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया था।
यहां हजरतबल दरगाह पर हाल में हुए विवाद का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि जनता का गुस्सा एक ‘‘बड़ा और स्पष्ट संदेश’’ है। पीडीपी नेता ने कहा, ‘‘हजरतबल दरगाह में जो कुछ हुआ, वह स्वतः स्फूर्त, खुलेआम भड़के जनाक्रोश का कोई अकेला मामला नहीं था। यह हाशिये पर धकेले गए लोगों की ओर से एक बड़ा और स्पष्ट संदेश था। हालांकि, भाजपा जानबूझकर इस सच्चाई से अनजान बनी हुई है और वर्षों से पनप रही गहरी पीड़ा और दबी हुई भावनाओं से कुछ भी नहीं सीख रही है।’’
कश्मीर में पांच सितंबर को हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न वाली पट्टिका को क्षतिग्रस्त किये जाने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी पर मस्जिद में राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने तथा उन्हें तत्काल हटाने की मांग की थी।
पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात ‘‘तेजी से स्पष्ट’’ होती जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कश्मीर में शांति या सुधार में ‘‘कोई रुचि’’ नहीं है। महबूबा ने कहा, ‘‘इसके बजाय, वे इस क्षेत्र को लगातार अशांति की स्थिति में रखने के लिए दृढ़ हैं और देश के बाकी हिस्सों में राजनीतिक लाभ के लिए दर्द और अशांति को हथियार बना रहे हैं। यह संकीर्ण दृष्टिकोण न केवल गैर-ज़िम्मेदाराना है, बल्कि खतरनाक और पूरी तरह से निंदनीय भी है।’’ पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और हंदवाड़ा के विधायक सज्जाद लोन ने भी दावा किया कि उन्हें सोपोर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
लोन ने कहा, ‘‘मुझे प्रोफेसर गनी साहब के पैतृक गांव बोटिंगू जाने से रोकने के लिए घर में नज़रबंद कर दिया गया है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसकी क्या ज़रूरत है। प्रोफेसर साहब शांतिवादी थे और काफी समय पहले सेवानिवृत्त हो चुके थे। हम सभी उन्हें अंतिम विदाई देने के हकदार थे।’’ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वर्तमान अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने भी दावा किया कि उन्हें बुधवार देर रात नजरबंद कर दिया गया। मीरवाइज ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘मुझे इस बात का बेहद दुख है कि अधिकारियों ने प्रोफेसर साहब के परिवार को जल्दबाजी में उनका ‘जनाजा’ निकालने के लिए मजबूर किया। मुझे मेरे घर में बंद कर दिया गया है और उनकी अंतिम यात्रा में उनके साथ चलने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।’’
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