मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं: शिवकुमार

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नई दिल्ली, बुधवार, 09 जुलाई 2025। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने बुधवार को राज्य में कांग्रेस नीत सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल मंत्रिमंडल संरचना में बदलाव की कोई योजना नहीं है। शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, “मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं होने वाला है। मैं और मुख्यमंत्री राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं।” राज्य में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की कयासबाजी पर शिवकुमार ने इसे मीडिया की अटकलें करार दिया और स्पष्ट किया कि ऐसी कोई योजना नहीं है। कर्नाटक कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के बाद शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बीच बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की व्यवस्था की खबरों को लेकर सवालों के दायरे में है।

दोनों नेताओं ने हालांकि सार्वजनिक रूप से ऐसे किसी औपचारिक समझौते से इनकार किया है, लेकिन पार्टी हलकों में अटकलें जारी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में कहा था कि पार्टी के समक्ष तत्काल फेरबदल का कोई प्रस्ताव नहीं है और यदि ऐसा कोई निर्णय लिया जाता है तो मीडिया को सूचित किया जाएगा। कुछ मंत्री हालांकि कथित तौर पर प्रदर्शन और भ्रष्टाचार संबंधी चिंताओं के कारण जांच के दायरे में हैं, लेकिन इन दावों को सरकार या पार्टी नेतृत्व द्वारा आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया गया है।

शिवकुमार ने बताया कि सिद्धरमैया केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर एक एयर शो की अनुमति मांग रहे हैं, जो सितंबर के अंत में मनाए जाने वाले मैसूर दशहरा के दौरान एक प्रमुख कार्यक्रम बन गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले विधानसभा सत्र से पहले विधान परिषद के चार रिक्त पदों को भर दिया जाएगा। जल संसाधन विभाग की भी जिम्मेदारी संभालने वाले शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरण और जल शक्ति मंत्रियों से मुलाकात की और येत्तिनाहोल परियोजना और कलसा बंडूरी परियोजना सहित कई जल परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देने की मांग की।

येत्तिनाहोल एकीकृत जल आपूर्ति परियोजना पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने वन भूमि संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए तुमकुर और हासन जिलों में काम रोक दिया है। उन्होंने कहा, “हमने वैकल्पिक भूमि उपलब्ध करा दी है और शीघ्र वन मंजूरी मांगी है ताकि काम जारी रखा जा सके।” शिवकुमार ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार कृष्णा नदी के जल को कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच आवंटित करने के संबंध में कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले के लिए एक राजपत्र अधिसूचना जारी करे। उन्होंने कहा, “दो बार बैठक बिना किसी कारण के स्थगित कर दी गई। मुझे बताया गया कि इस मुद्दे पर इसी महीने बैठक होगी।”

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