स्थानीय निकायों के सदनों में भी चले प्रश्नकाल और शून्यकाल : बिरला

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गुरुग्राम, गुरुवार, 03 जुलाई 2025। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं की तरह स्थानीय निकायों के सदनों को चलाने की आदर्श पद्धति स्थापित करना चाहिए तथा वहां भी प्रश्नकाल तथा शून्यकाल जैसे सत्र होने चाहिए। उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण उपस्थित थे।

इस सम्मेलन का विषय “संवैधानिक लोकतंत्र को सुदृढ़ करने और राष्ट्र निर्माण में शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका” है। चार जुलाई को समापन सत्र में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शिरकत करेंगे। बिरला ने कहा कि जिस तरह से लोकसभा और विधानसभा में सदन चलते है और कानून बनाने पर चर्चा होती है उसी तरह, स्थानीय निकायों में सदन चलने की आदर्श पद्धति स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। बिरला ने इस बात पर जोर दिया, " यह प्रयास हो कि स्थानीय निकायों के सदनों की बैठक दिन भर चले, प्रश्नकाल हो, शून्यकाल हो... बजट बने तो पूरी चर्चा हो।"

उन्होंने कहा कि16वीं लोकसभा में लोग तख्तियां लेकर आते थे और सदन स्थगित होते थे, 17वीं लोकसभा में भी कुछ हद तक ऐसी स्थिति रही, लेकिन 18वीं लोकसभा में यह बदलाव आया है कि सभी राजनीतिक दलों ने विचार किया कि सदन चलना चाहिए। बिरला ने कहा कि इसे स्थानीय निकायों के सदनों में भी अपनाया जाना चाहिए। उनका कहना था कि नगरीय सरकार लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है क्योंकि इसके साथ आम जनता का सबसे अधिक संवाद होता है। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं के बारे में जानकारी हो, इसके लिए स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को संवाद करते रहना चाहिए और सोशल मीडिया का उपयोग करके भी जुड़ाव मजबूत हो सकता है।

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