सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों ने समुद्र और रेगिस्तानों से लेकर बफीर्ली चोटियों पर किया योगाभ्यास

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नई दिल्ली, शनिवार, 21 जून 2025। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूरे देश के साथ समन्व्य करते हुए सशस्त्र सेनाओं, अर्द्धसैनिक बलों और राष्ट्रीय कैडेट कोर के नौ लाख कैडेटों ने शनिवार को देश भर में अलग-अलग स्थानों पर योगाभ्यास किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उधमपुर स्थित सेना की उत्तरी कमान में करीब ढाई हजार सैनिकों के साथ विभिन्न आसन और श्वास अभ्यास किया। तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी हजारों की संख्या में सैनिकों के साथ योगाभ्यास के सामूहिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। नौसेना के दस हजार नौसैनिकों ने विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ योगासन किये। देश के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत तथा अन्य युद्धपोतों पर योगाभ्यास किया गया। इसके अलावा विदेशों में तैनात युद्धपोतों पर भी योगासन किये गये। तटरक्षक बल के हजारों जवानों तथा अधिकारियों ने भी देश भर में 60 से भी अधिक जगहों पर योग किये।

अर्द्धसैनिक बलों भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, सशस्त्र सीमा बल, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने भी विभिन्न थल से लेकर समुद्र और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से लेकर रेगिस्तान और सियाचिन तथा बर्फ की चोटियों पर भी योगासन किये। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने झारखंड के रांची में पीएम श्री हाई स्कूल, कुम्हरिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां रक्षा लेखा महानियंत्रक कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में योग का अभ्यास किया।

एनसीसी के नौ लाख से अधिक कैडेटों ने देश भर में अलग अलग स्थानों पर समन्वित योग सत्रों में भाग लिया, जो स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति राष्ट्र की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। रक्षा मंत्री ने योग को आज की तेज-तर्रार दुनिया में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं का समाधान बताया। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। उन्होंने कहा, 'योग अराजकता में लोगों को स्पष्टता देता है। यह एक कला, एक विज्ञान, एक दर्शन और आध्यात्मिकता है। जो लोग अपने दैनिक जीवन में योग का अभ्यास करते हैं, वे अपने शरीर और मन पर नियंत्रण रखते हैं। यह हमें प्रतिक्रियाशील नहीं, बल्कि सक्रिय बनाता है।

रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को इस तरह के नियंत्रण का शानदार उदाहरण बताते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन के दौरान संयम, संतुलन और सटीकता का प्रदर्शन किया, जो योग के अभ्यास से प्राप्त उनकी आंतरिक शक्ति का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के माध्यम से भारत की सामाजिक और सांप्रदायिक एकता को निशाना बनाया गया था और ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश था कि उसे भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के परिणाम भुगतने होंगे। सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक का स्वाभाविक विकास है। इसे इस तरह से अंजाम दिया गया कि पाकिस्तान ने युद्ध विराम का अनुरोध किया और उसके बाद ही हमने ऑपरेशन को रोक दिया।

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