बेंगलुरु भगदड़: मुख्यमंत्री ने पुलिस आयुक्त और अधिकारियों के निलंबन का बचाव किया

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बेंगलुरु, शुक्रवार, 06 जून 2025। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत के लिए बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद और अन्य पुलिस अधिकारियों के निलंबन का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि जिन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई, उन्हें निलंबित किया गया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। भाजपा और जद (एस) ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की है और उन पर पुलिस अधिकारियों को ‘बलि का बकरा’ बनाने का आरोप लगाया है। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘वे राजनीति के लिए बोल रहे हैं। मैं इस मामले में राजनीति नहीं करना चाहता। प्रथम दृष्टया जो जिम्मेदार हैं, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है।’’

मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को कब्बन पार्क थाना क्षेत्र के पुलिस इंस्पेक्टर ए. के. गिरीश और सहायक पुलिस आयुक्त सी. बालकृष्ण, केंद्रीय संभाग के पुलिस उपायुक्त शेखर एच. टेककन्नावर, स्टेडियम के प्रभारी रहे अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विकास कुमार विकास तथा पुलिस आयुक्त बेंगलुरु शहर दयानंद को तत्काल निलंबित करने के निर्णय की घोषणा की थी। निलंबन आदेश में कहा गया है, ‘‘यह पाया गया है कि इन अधिकारियों द्वारा कर्तव्य के प्रति काफी लापरवाही बरती गई है।’’ भगदड़ बुधवार शाम को स्टेडियम के सामने हुई, जहां आरसीबी टीम की आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) की जीत के जश्न में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 56 लोग घायल हो गए।

निलंबन आदेश के अनुसार, आरसीबी के सीईओ ने तीन जून को बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त को चार जून को विजय परेड और समारोह आयोजित करने के बारे में सूचित किया था। हालांकि, पुलिस आयुक्त का कार्यालय आयोजकों को लिखित जवाब नहीं दे पाया और इतने बड़े आयोजन की तैयारी के लिए समय की कमी के आधार पर अनुमति को अस्वीकार कर दिया। आदेश में कहा गया है कि रॉयल चैलेंजर्स ऑफ बेंगलुरु (आरसीबी) और क्रिकेट एसोसिएशन ने जश्न के बारे में ट्वीट किया और टिकट या पास जारी करने की सामान्य प्रक्रिया अपनाए बिना प्रशंसकों को चिन्नास्वामी स्टेडियम में आमंत्रित किया।

इन घटनाक्रमों की जानकारी होने और पुलिस द्वारा क्रिकेट प्रशंसकों की भारी भीड़ की उम्मीद के बावजूद, स्टेडियम में कार्यक्रम को व्यवस्थित रूप से आयोजित करने या जनता को उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक एहतियात बरतने के संबंध में पर्याप्त जानकारी देने अथवा भीड़ प्रबंधन को लेकर अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध कराने जैसे कदम नहीं उठाए गए। इसके अलावा, मामले में आवश्यक मार्गदर्शन और सलाह लेने के लिए उच्च अधिकारियों के साथ स्थिति पर चर्चा नहीं की गई। नतीजतन, स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और कई लोगों की जान चली गई, जो सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी।

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