उत्तराखंड : केदारनाथ धाम के कपाट खुले, मुख्यमंत्री धामी भी पूजा में हुए शामिल

देहरादून, शुक्रवार, 02 मई 2025। केदारनाथ मंदिर के कपाट सर्दियों में छह माह बंद रहने के बाद शुक्रवार को सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के बीच परंपरागत पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए फिर खोल दिए गए। साढ़े ग्यारह हजार फुट से अधिक उंचाई पर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के सुबह सात बजे कपाट खुलने के मौके पर मंदिर प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे। ठंड के बावजूद अपार उत्साह से भरे श्रद्धालु ‘बम-बम भोले’, ‘हर हर महादेव’ और ‘जय बाबा केदार’ के जयकारे लगा रहे थे।
इस मौके पर भगवान शिव के धाम को देश-विदेश से मंगाए गए विभिन्न प्रकार के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कपाट खोले जाने के दौरान भी मंदिर और वहां मौजूद श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गयी। केदारनाथ धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से संपन्न हुई। पत्नी गीता के साथ केदारनाथ पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, समृद्धि ओर शांति की कामना की। मंदिर के कपाट खुलने पर देशवासियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के साथ ही पूरे देश को इस पल की प्रतीक्षा रहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘केदारनाथ धाम सनातन धर्मांवलंबियों की धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। हमारे राज्य के लिए यह उत्सव का समय है।’’ मुख्यमंत्री ने बाबा केदार से सभी यात्रियों की मंगलमय यात्रा की प्रार्थना की और उम्मीद जताई कि उनके आशीर्वाद से इस वर्ष भी चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और सुगमता के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बाबा केदार का अनन्य भक्त बताते हुए कहा कि उन्हीं के नेतृत्व में केदारनाथ मंदिर में दिव्य और भव्य पुनर्निर्माण हुआ है ।
तीस अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। उत्तराखंड के चार धामों में शामिल बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को खुलेंगे और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा की विधिवत शुरूआत हो जाएगी। हर साल सर्दियों में भीषण ठंड के कारण चारों धामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं। छह माह के यात्रा सीजन के दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इन धामों के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पिछले साल करीब 48 लाख श्रद्धालु हिमालयी धामों में पहुंचे।


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