राज्यपाल ने ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी

भुवनेश्वर, रविवार, 13 अप्रैल 2025। ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति की मंजूरी के साथ ही राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार के मकसद से बनाया गया ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2024 रविवार से प्रभावी हो गया है। ओडिशा विधानसभा में व्यापक चर्चा के बाद दो अप्रैल को विधेयक पारित किया गया था और 12 अप्रैल को इसे राज्यपाल की मंजूरी मिल गई। ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने राज्यपाल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ‘‘नया सवेरा’’ बताया। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने, लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान करने और अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ाने के उद्देश्य से परिवर्तनकारी बदलाव लाएगा।
अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती ओडिशा लोक सेवा आयोग (ओपीएससी) के माध्यम से नहीं की जाएगी। इसके बजाय, शिक्षकों की भर्ती के लिए विश्वविद्यालय शिक्षाविदों की एक समिति बनाएंगे। मंत्री ने कहा कि इससे भर्ती प्रक्रिया बिना किसी देरी के एक निश्चित अवधि में पूरी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षकों की नियुक्तियां स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की आवश्यकताओं के साथ-साथ विषय पर केंद्रित मांगों के अनुरूप हों। अधिनियम में कुलपतियों के चयन के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने का प्रावधान है। इस समिति में केवल उच्च शिक्षा क्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् ही शामिल होंगे। कुलपतियों की आयु सीमा 67 से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी गई है।


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