भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव आज!

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  • राम नवमी - रविवार, 6 अप्रैल 2025 राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त - 11:20 से 13:50
  • नवमी तिथि प्रारम्भ - 5 अप्रैल 2025 को 19:26 बजे
  • नवमी तिथि समाप्त - 6 अप्रैल 2025 को 19:22 बजे

राम नवमी का पर्व भगवान श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल इस तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में मध्याह्न काल में हुआ था। यही कारण है कि राम नवमी की पूजा के लिए यह समय सबसे शुभ माना जाता है। भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन में सत्य, धर्म और न्याय के आदर्शों का पालन किया। राम नवमी के दिन, भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में एक विशेष उत्सव होता है। देश भर से श्रद्धालु इस उत्सव में भाग लेने के लिए अयोध्या आते हैं। इस दिन, भक्त सूर्योदय से सूर्योदय तक उपवास रखते हैं और भगवान श्री राम की पूजा करते हैं। अयोध्या में सरयू नदी में पवित्र स्नान राम नवमी के त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राम नवमी का पर्व हमें भगवान श्री राम के आदर्शों का स्मरण कराता है और हमें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

प्रतिदिन गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीराम स्तुति करें...

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजमन हरणभवभयदारुणं।
नवकञ्जलोचन कञ्जमुख करकञ्ज पदकञ्जारुणं ॥1॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि नवनीलनीरदसुन्दरं।
पटपीतमानहु तडित रुचिशुचि नौमिजनकसुतावरं ॥2॥
भजदीनबन्धु दिनेश दानवदैत्यवंशनिकन्दनं।
रघुनन्द आनन्दकन्द कोशलचन्द्र दशरथनन्दनं ॥3॥
शिरमुकुटकुण्डल तिलकचारु उदारुअङ्गविभूषणं।
आजानुभुज शरचापधर सङ्ग्रामजितखरदूषणं ॥4॥
इति वदति तुलसीदास शंकरशेषमुनिमनरञ्जनं।
ममहृदयकञ्जनिवासकुरु कामादिखलदलगञजनं ॥5॥
मनु जाहि राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुन्दर सावरो ।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो ॥6॥
एही भाँति गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषीं अली।
तुलसी भवानी पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥7॥
जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मञ्जुल मङ्गल मूल बाम अङ्ग फरकन लगे ॥8॥
॥ सियावर रामचन्द्र की जय ॥

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