सूर्यदेव के बीज मंत्र के जाप से पहाड़ जैसी समस्याओं का भी अंत हो जाता है

समस्त देवी-देवताओं के पूर्ण मंत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले शब्दोच्चारण को बीज मंत्र कहा जाता है, इसीलिए इसे प्राण मंत्र भी पुकारते हैं, सनातन धर्म में सबसे प्रमुख बीज मंत्र ॐ है। नवग्रहों के बीज मंत्रों का जाप करने से उस ग्रह से संबंधित कार्य विशेष में बाधाएं समाप्त होकर, सफलता का परचम लहराता है। ज्योतिष में ग्रहों का राजा सूर्य जीवन में पद, प्रतिष्ठा और पदोन्नति प्रदान करता है। सूर्यदेव के बीज मंत्र के जाप करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, सूर्य आत्मा, उच्च पद, सरकारी नौकरी आदि का कारक है, अतः सूर्यदेव के आशीर्वाद से व्यक्ति को राजा तुल्य जीवन मिलता है, उच्च प्रशासनिक पद प्राप्त होता है। इससे उलट सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति अभिमानी, आत्मकेन्द्रित, गुस्सैल हो जाता है, असाध्य रोग से पीड़ित होता है। प्रकाशवान समृद्धशाली जीवन के लिए सूर्यदेव का आशीर्वाद पाने के लिए नियमित रूप से सूर्यदेव के बीज मंत्र का जप करना चाहिए- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः!


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